भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में ओबीसी का मुद्दा फिर गर्मा गया है। पिछले दिनों प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव प्रचार का शंखनाद करने प्रदेश के दौरे पर आए राहुल गांधी ने ओबीसी को लेकर भाजपा पर जमकर हमला बोला। राहुल ने ओबीसी जनगणना का सवाल उठाते हुए पिछले दिनों संसद से पास महिला आरक्षण कानून में ओबीसी महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देने का मुद्दा उठा कर सियासी फिजा को गर्मा दिया।
कांग्रेस ने चला जातिगत जनगणना का दांव-मध्यप्रदेश में सत्ता वापस की कोशिश में जुटी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले जातिगतजनगणना का बड़ा दांव चल दिया है। शाजापुर जिले के कालापीपल से राहुल गांधी ने प्रदेश के चुनावी रण में ओबीसी का मुद्दा उठाते हुए कहा कहा कि जाति जनगणना नहीं होने के कारण देश में ओबीसी की संख्या के बारे में किसी को नहीं पता। राहुल ने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदुस्तान का एक्सरे हो और जातीय जनगणना हो। देश में ओबीसी कितने है और कितनी भागीदार है, यह सबको पता चलना चाहिए। देश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद पहला फैसला जातीय जनगणना कराने का होगा। राहुल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2011 में जातीय जनगणना कराई थी लेकिन मोदी सरकार ने आंकड़े नहीं जारी किए। मोदी सरकार को देश को नहीं बताना चाहती है कि देश में कितने ओबीसी है।
राहुल ने सीधे पीएम मोदी सवाल पूछते हुए कहा कि आप खुद को ओबीसी नेता कहते है लेकिन महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं किया गया? राहुल ने कहा कि हिंदुस्तान को 90 अफसर चलाते है और यह कानून बनाने का निर्णय लेते है कि पैसा किधर जाएंगे। राहुल ने कहा कि इन 90 अफसरों में से कितने ओबीसी है।
इसके साथ राहुल गांधी ने पिछले दिनों संसद से पास महिला आरक्षण कानून में ओबीसी महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देने पर भी सवाल उठाए। इसके साथ जनसभा के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया था।
उमा भारती ने भी गर्माया OBC आरक्षण का मुद्दा-वहीं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज भाजपा नेत्री उमा भारती भी अपने बयानों से भाजपा के लिए लगातार मुश्किलें खड़ी कर रही है। महिला आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए उमा भारती ने कहा कि सरकारी नौकरी में ओबीसी वर्ग के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। इसके साथ उमा भारती ने कहा कि जब तक समाज का कोई भी शख्स अपने अधिकारों से वंचित रहेगा तब तक आरक्षण को खत्म नहीं किया जा सकता है। आरक्षण तभी खत्म होगा जब देश के हालात उसकी व्यवस्था ठीक हो जाएगी। आरक्षण देने जैसे हालात नहीं रहेंगे, एसटी-एससी वर्ग के लोग खुद कहें कि उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए तभी इसे खत्म किया जा सकता है. इससे पहले आरक्षण को कोई माई का लाल खत्म नहीं कर सकता।
OBC वोटर्स बनेगा गेमचेंजर?-मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट की मुताबिक प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता लगभग 48 प्रतिशत है। रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में कुल मतदाताओं में से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मतदाता घटाने पर शेष मतदाताओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता 79 प्रतिशत है। ऐसे में ओबीसी वोटरों की विधानसभा चुनाव में भी बड़ी भूमिका होने जा रही है। ऐसे में सत्तारूढ़ दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस दोनों ही ओबीसी वर्ग को लुभाने में जुट गई है और कोई भी राजनीतिक दल चुनाव से ठीक पहले ओबीसी वोटर को नाराज नहीं कर सकता है।