Prahlad Patel's big statement regarding Shivraj Singh Chauhan : केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल का कहना है कि विपक्षी कांग्रेस पार्टी के विपरीत भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ रही है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य के सबसे लोकप्रिय नेता हैं।
पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे पटेल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज राज्य में कांग्रेस के दो ही नेता हैं -दिग्विजय सिंह और कमलनाथ और दोनों की रुचि केवल अपने 'बेटों को सेट करने में' है। उनका कहना था, दोनों को ही चुनाव से मतलब नहीं है और ना ही चुनाव जीतने में उनकी कोई रुचि है। कांग्रेस पर किसका कब्जा हो यह उसकी लड़ाई लड़ रहे हैं जबकि हम सब यहां सामूहिक नेतृत्व के साथ एक अखंड विजय के लिए मैदान में हैं।
पटेल ने कहा कि कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद से ही वहां घमासान मचा हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों (कमलनाथ और दिग्विजय सिंह) एक साथ किसी मंच पर नहीं दिखे। आज भी नहीं दिख रहे हैं। पटेल से जब राज्य में सत्ता विरोधी लहर संबंधी सवाल किया गया तो उन्होंने इसे घिसी-पिटी बात करार दिया और इसे कांग्रेस की ओर से एक झूठा विमर्श गढ़ने का प्रयास बताया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में राज्य मंत्री रहे पटेल ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा कि भाजपा सरकारों द्वारा 'गरीब कल्याण' और महिला सशक्तीकरण के लिए किए गए कार्य ऐसे दो 'मुख्य स्तंभ' हैं जो पार्टी की सत्ता में वापसी सुनिश्चित करेंगे।
छात्र जीवन से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले पटेल 1989 में पहली बार मध्य प्रदेश के बालाघाट से सांसद बनें। हालांकि वह अगला चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने 1996 और 1999 में फिर इसी सीट से जीत दर्ज की।
उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में दमोह से जीत दर्ज की। बतौर सांसद यह उनका पांचवां कार्यकाल है। वह वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग व जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं।
पटेल को भाजपा ने नरसिंहपुर जिले की नरसिंहपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। यह पूछे जाने पर कि इतना लंबा अनुभव लेकिन पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार दिया है, इसका क्या संदेश है? जवाब में पटेल ने कहा, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला करता है, वह सर्वश्रेष्ठ होता है।
इस चुनाव में शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किए जाने और तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव में उतारे जाने की पृष्ठभूमि में उनकी भावी संभावनाओं के बारे में सवाल किया गया तो पटेल ने इसे मीडिया की 'अटकलबाजी' करार दिया। उन्होंने कहा, हमें पूरे राज्य को देखना पड़ेगा। पार्टी के हर कार्यकर्ता को ईमानदारी और पूरी ताकत के साथ काम करना होता है और यही भाजपा का मूल मंत्र है।
उन्होंने कहा, 1986 से हम साथ चले थे। हम मतलब चार दोस्त- शिवराज जी मुख्यमंत्री हैं। कैलाश जी (कैलाश विजयवर्गीय) राष्ट्रीय महामंत्री हैं, मैं, नरेंद्र सिंह तोमर और फग्गन सिंह जी तीनों केंद्र में मंत्री हैं। कुलस्ते समकक्ष रहे हैं, लेकिन मैं आपसे कह रहा हूं राज्य में शिवराज सिंह सबसे लोकप्रिय नेता हैं। इसमें कोई दुविधा नहीं है।
उन्होंने अपनी जनसभा में उमड़े जनसैलाब की ओर हाथ घुमाते हुए कहा कि यह जो आपके सामने दृश्य दिख रहा है, वह बता रहा है कि भाजपा की विजय सुनिश्चित है। उन्होंने कहा, यही आधार है हमारा। उम्मीदवार भाजपा तय करती है, चुनाव संगठन और कार्यकर्ता लड़ता है। इसलिए मैं 2003 की पुनरावृत्ति 2023 में देखता हूं।
साल 2003 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 173 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की थी, वहीं कांग्रेस ने 38 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पटेल से जब भाजपा की जीत के दावे का आधार पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने की स्थिति में ही नहीं है क्योंकि उसके पास 'विकास और विरासत के नाम पर बड़ा ही कलंकित इतिहास' है।
उन्होंने 2003 के विधानसभा चुनाव को याद करते हुए कहा कि उस समय दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री हुआ करते थे और उन्हें 'मिस्टर बंटाधार' कहा जाता था क्योंकि उस समय राज्य में ना सड़कें थीं और ना ही बिजली और पानी। केवल भ्रष्टाचार का बोलबाला था। उन्होंने कहा, आज केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकारें हैं। गरीब कल्याण के संकल्प और महिला सशक्तीकरण के लिए दोनों ने जो काम किए हैं वह अभूतपूर्व है। यह दो हमारे मुख्य स्तंभ हैं।
साल 2005 में जब भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद सौंपने का निर्णय लिया तब उमा भारती ने विद्रोही तेवर अपनाते हुए अपनी अलग पार्टी 'भारतीय जन शक्ति' यानी बीजेएस गठित कर ली। पटेल भी उनके साथ हो लिए। हालांकि जब बीजेएस अगले विधानसभा चुनाव में कुछ खास नहीं कर सकी तो पटेल भाजपा में लौट गए। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जिन केंद्रीय मंत्रियों को उम्मीदवार बनाया गया है उनमें तोमर और कुलस्ते भी शामिल हैं।
नरसिंहपुर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व वर्तमान में प्रह्लाद पटेल के छोटे भाई जालम सिंह पटेल कर रहे हैं। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ लाखन सिंह पटेल को मैदान में उतारा है, जिन्हें 2018 में जालम पटेल ने हराया था। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है और मतगणना तीन दिसंबर को होगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour