दिग्गजों के दाँव पड़ रहे उल्टे
बाकी सीटों का फैसला सोमवार तक
कांग्रेस द्वारा मप्र में तय किए जा रहे प्रत्याशियों के नाम देखकर कई दिग्गज हैरत में हैं। आलम यह है कि कोटा सिस्टम काफी नियंत्रित कर दिया गया है और पार्टी हाइकमान तथा युवराज राहुल गाँधी के फीडबैक को ज्यादा तरजीह मिल रही है। हालाँकि यह और बात है कि जिन्हें उम्मीदवार बनाया गया है उनमें से कईयों का मैदानी विरोध भी शुरू हो गया है।
इस बार अब तक के टिकट वितरण में सबसे ज्यादा अचंभा मप्र के उन दिग्गज नेताओं को ही है जिन्होंने अपने समर्थकों के लिए तगड़ी सिफारिश व लॉबिंग की थी। मसलन ज्योतिरादित्य सिंधिया भिंड से फूलसिंह बरैया के लिए जोर लगा रहे थे। लेकिन टिकट डॉ. प्रसाद को ही मिला। सिंधिया ने ग्वालियर में ज्ञानेंद्र शर्मा को टिकट के लिए भी सिफारिश की लेकिन टिकट मिला अशोक सिंह को।
दूसरी ओर दिग्विजय सिंह ने मुरैना में अपने कट्टर समर्थक डॉ. गोविंद सिंह को टिकट दिलाना चाहा,लेकिन टिकट मिला रामनिवास रावत को। इधर जमुनादेवी ने भी धार से अपने विधायक भतीजे उमंग सिंघार को टिकट के लिए जमीन आसमान एक किया,फिर भी टिकट गजेंद्र सिंह राजूखेडी को मिला।
उन्होंने जबलपुर के लिए जगदीप सिंह का भी नाम जोरशोर से चलाया तथा इसे पैनल में भी शामिल करा लिया मगर यहाँ भी नाकामी हाथ लगी और जबलपुर से रामेश्वर नीखरा अब उम्मीदवार हैं।
इसी तरह प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी ने सागर सीट के लिए संतोष साहू का भी नाम आगे बढ़ाया था, लेकिन असलम शेर खाँ बाजी मार ले गए। जानकारों का कहना है कि मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन का नाम भी सीधे दस जनपथ से ही मंजूर हुआ है।
अगली सूची सोमवार को : अब कांग्रेस के बचे आठ उम्मीदवारों के मामले में भी ऐसा ही करिश्मा देखने को मिल सकता है।