मप्र में जानलेवा जलसंकट से शहरों में बिगड़ रही कानून व्यवस्था पर पुलिस ने अब खास ध्यान केंद्रित करने का निर्णय ले लिया है।
सभी पुलिस अधीक्षकों को इस मसले पर अतिरिक्त सतर्कता के निर्देश दे दिए गए हैं। गौरतलब है कि राज्य में ऐसे लगभग 164 शहर-कस्बे हैं, जहाँ रोज पानी की आपूर्ति लंबे समय से नहीं हो पा रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 40000 हैंडपंप दम तोड़ चुके हैं।
बीती रात ही पानी भरने के विवाद पर राजधानी में एक साथ तीन कत्ल की वारदातें हुई हैं। इसके पहले भी भोपाल व इंदौर में पानी की वजह से ही एक-एक हत्या व अन्य घटनाएँ हो चुकी हैं।
प्रदेश के अन्य शहरों में भी ऐसी ही स्थितियाँ हैं। बताया जाता है कि पुलिस मुख्यालय ने पुलिस बल को पानी को लेकर उत्पन्ना स्थिति पर निगाह रखने और समय रहते संवेदनशीलता से कार्रवाई की हिदायतें दी हैं।
खासतौर पर उन इलाकों और कस्बों में सतर्कता के निर्देश हैं, जहाँ रोज पानी की आपूर्ति नहीं है और घनी बस्तियाँ चुनिंदा नलों पर आश्रित हैं। संभवतः यह पहला मौका है, जब मप्र में पानी को लेकर यह स्थिति बनी है और पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है।
पानी अब मप्र के आधे से अधिक शहरों में जानलेवा संकट के तौर पर उभरा है। एक-एक बाल्टी पानी जुटाने के लिए लोग परेशान हो रहे हैं। इससे लोगों की रोजमर्रा की जीवनशैली तो प्रभावित हो रही है, साथ ही तनाव भी पनप रहा है। भोपाल में ही ब़ड़े तालाब और कोलार बाँध के जलस्तर को देखते हुए खासी किफायत से पानी दिया जा रहा है।
तीन दिन से अधिक के अंतराल में आपूर्ति : तीन दिन से अधिक अंतराल में पानी हासिल करने वाले शहरों में उज्जैन, देवास, जावर, सीहोर, ब्यावरा, शुजालपुर, शाजापुर, सेंधवा, छतरपुर व बकस्वाहा आदि हैं।
मप्र के पीएचई मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि मप्र में 34 जिलों में जलसंकट ज्यादा है। विभाग स्थिति पर नजर रखे हुए है। कुछ अन्य प्रभावी कदम भी उठाए जाएँगे।
मप्र के एडीजी (कानून-व्यवस्था) सुरेंद्रसिंह ने कहा कि ऐसे इलाके जहाँ जलसंकट की स्थिति गंभीर है, वहाँ पुलिस बल को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
प्यासे लोगों ने अफसरों को बंद किया : गहराते जलसंकट के त्रस्त नंदानगर क्षेत्र के लोगों ने गुरुवार को पानी की टंकी पर प्रदर्शन किया। भड़के रहवासियों ने समस्या सुनने आए नगर निगम के अफसरों को टंकी स्थित कक्ष में बंद कर दिया। पुलिसकर्मियों के आने के बाद उन्हें बाहर निकाला जा सका। इस घटना के बाद अपर आयुक्त विवेकसिंह भी मौके पर पहुँचे थे। उनके समक्ष भी भीड़ ने नाराजगी जताई।
कलेक्टर व निगमायुक्त हाईकोर्ट में तलब : जलसंकट को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका के मामले में कलेक्टर व निगमायुक्त को 15 मई को तलब किया गया है। गुरुवार को आनंद ट्रस्ट द्वारा दायर इस याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने जल वितरण व्यवस्था राजनीतिक हाथों से लेने का निवेदन किया था।