Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बोर्ड की डुप्लीकेट मार्कशीट एक दिन में

2002 से 2007 की अंकसूची हुई कम्प्यूटरीकृत

Advertiesment
हमें फॉलो करें बोर्ड की डुप्लीकेट मार्कशीट एक दिन में
रायपुर , रविवार, 1 फ़रवरी 2009 (11:44 IST)
हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल की मार्कशीट गुमने या चोरी होने के बाद डुप्लीकेट के लिए विद्यार्थियों को भटकने की जरूरत नहीं होगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल कार्यालय में सुबह आवेदन जमा करने के बाद शाम को डुप्लीकेट दस्तावेज हाथ में होंगे।

समय के साथ माशिमं ने अपने आप को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए माशिमं प्रत्येक विद्यार्थी की मार्कशीट और माइग्रेशन की स्कैनिंग करा रहा है। अब तक वर्ष 2002 से 2007 तक दस्तावेजों की स्कैनिंग हो गई है। वर्ष 2008 में पोराबाई व हिमानी तिवारी प्रकरण की वजह से उपजे विवाद के चलते स्कैनिंग का काम नहीं हो सका है।

गौरतलब है कि राज्य निर्माण के बाद माशिमं का रिकॉर्ड फाइलों और बस्तों में कैद है। हर साल बोर्ड परीक्षा में चार से साढ़े चार लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं इसलिए हर साल दस्तावेजों में वृद्धि हो रही है। ऐसे में पुराने रिकॉर्ड निकलवाने में आवेदकों को महीनों लग जाते हैं। दस्तावेज तलाशने में दिक्कत के चलते मंडल का स्टाफ भी नखरे करता था।

कहाँ पड़ती है जरूरत : किसी भी आवेदक को नौकरी लगते समय या जन्म का प्रमाणपत्र देने के लिए डुप्लीकेट अंकसूची की आवश्यकता पड़ती है, जबकि वह बोर्ड की परीक्षा में 10-12 साल पहले बैठा होता है। ऐसे कम लोग ही होते हैं, जिनके पास इतने लंबे समय तक अंकसूची सुरक्षित रहती है।

चालान बचाएगा पैसा : माशिमं अब तक डुप्लीकेट दस्तावेजों के लिए बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से फीस लेता आया है। बैंक ड्राफ्ट बनवाने के लिए विद्यार्थियों को 40 से 45 रुपए तक अतिरिक्त राशि बैंक को कमीशन के तौर पर देनी पड़ती है। माशिमं नए सत्र से इस प्रक्रिया में बदलाव कर रहा है। अब विद्यार्थी बैंक चालान के माध्यम से फीस का भुगतान कर सकेंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi