सोमवार से लगी रोहिणी शाम को मालवा में बह गई। ज्योतिषियों का कहना है कि यह वर्षा के लिए शुभ संकेत है।
ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया कि मंगल परिवर्तन के कारण रोहिणी के प्रथम दिन वर्षा के योग बने थे। जिस हिसाब से पानी बरसा, उसे रोहिणी का बहना कहा जाता है। यह संकेत अच्छे हैं। ज्योर्तिविद् पं. वासुदेव पुरोहित के अनुसार रोहिणी का गलना शुभ नहीं कहलाता है, बहना ज्योतिष शास्त्र में शुभ है।-नईदुनिया