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खूँटे से छूटेगी जिंदगी!

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होशंगाबाद , मंगलवार, 12 मई 2009 (10:27 IST)
जिले की वनखेड़ी तहसील के गाँव बाचापानी की नेत्रहीन मासूम बेटी धनवती अब रस्सी के शिकंजे में नहीं रहेगी और न ही दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर उसकी माँ को अपने गुजारे के लिए भटकना पड़ेगा।

सोमवार को नईदुनिया ने माँ-बेटी की करुण कथा को उजागर करती अपनी खबर 'खूँटे के आसपास सिमट गई जिंदगी' प्रकाशित की। जिसके बाद सोमवार को संभाग का प्रशासनिक अमला हरकत में आया। मामला कमिश्नर जेएन कंसोटिया तक पहुँचने के बाद उन्होंने तुरंत कलेक्टर निशांत बरबड़े को मामले की जानकारी लेकर जाँच करने के निर्देश दिए। बरबड़े ने पिपरिया एसडीएम सिंगारे से पूरे मामले की जानकारी माँगी है।

क्या कहा कमिश्नर ने- कमिश्नर कंसोटिया ने नईदुनिया से कहा कि खबर प्रकाशन के बाद मामला प्रकाश में आते ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अधिकारियों को धनवती और उसकी माँ की जानकारी लेकर उनकी समस्याएँ जानने के निर्देश दिए हैं।

शासन धनवती की माँ को रोजगार गारंटी योजना या अन्य किसी स्वरोजगार योजना के तहत लाभ देने का प्रयास करेगा। वहीं धनवती की आँखों की जाँच कर यह कोशिश की जाएगी कि किसी तरह उसकी आँखों की रोशनी लौट आए, ऐसा नहीं होता है तो धनवती को भी किसी योजना का लाभ देकर उसके भरण-पोषण का इंतजाम होगा।

जब भावुक हुए कलेक्टर- इस संवेदनशील मामले में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए नईदुनिया की टीम अखबार लेकर कलेक्टर से मिलने पहुँची और मामला उनके संज्ञान में लाया गया। इस मामले में बरबड़े पहले से ही सक्रिय दिखाई दिए, सरकारी माध्यम से उन्हें मामले की जानकारी पहले ही लग चुकी थी।

अखबार देखकर वे भावुक होकर बोले कि 'नईदुनिया' ने वास्तव में एक अच्छा मामला उजागर किया है। मैंने तुरंत एसडीएम को जानकारी लेकर जाँच के निर्देश दिए हैं। वास्तव में यह दुखद पहलू है। धनवती की परेशानी चिंता का विषय है। हम धनवती और उसकी माँ दोनों की हरसंभव मदद करने को तैयार हैं, ताकि मासूम बच्ची को नारकीय जिंदगी से निजात मिल सके और उसके परिवार को सरकारी योजना से राहत मिल सके।-नईदुनिया

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