देशभर के गाँवों को शहरों से जोड़ने के लिए शुरू हुई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कथित भ्रष्टाचार के चलते योजना के शुरुआती सालों में देश में पाँचवें स्थान पर रहा छत्तीसगढ़ अब फिसलकर 13वें स्थान पर आ गया है और राज्य सरकार ने इस स्थिति से उबरने के लिए भ्रष्टाचारियों पर लगाम कसनी शुरू कर दी है।
गाँवों के विकास से ही देश की तरक्की को ध्यान में रखकर पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के शासनकाल में शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भाजपा सरकार वाले छत्तीसगढ में ही दम तोड़ती नजर आ रही है। इसका कारण यहाँ के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत और राज्य शासन द्वारा इन पर कार्रवाई करने में हुई देरी को बताया जा रहा है।
राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री रामविचार नेताम स्वीकार करते हैं कि राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में लापरवाही बरती गई, जिसकी वजह से राज्य सरकार को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है, लेकिन अब राज्य सरकार ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने का फैसला कर लिया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जब शुरुआत की गई थी, तब छत्तीसगढ़ इस योजना के क्रियान्यवन के मामले में देश में पाँचवें स्थान पर था लेकिन बाद में इस योजना के लेकर अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच साँठगाँठ और योजना में देरी ने राज्य को आठ पायदान नीचे खिसकाते हुए 13वे नंबर पर लाकर खड़ा कर दिया है।