जेलों में लंबे समय से सजा काट रहे कैदी अब बीवी-बच्चों सहित पारिवारिक माहौल में रह सकेंगे। प्रदेश में पहली बार ऐसे कैदियों के लिए होशंगाबाद के पास बाबई कृषि फार्म में खुली जेल का निर्माण पूरा हो गया है। यहाँ अच्छे आचरण वाले कैदियों को रखने 25 कुटिया बनाई गई हैं। प्रयोग सफल होने पर दूसरे जिलों में 'खुली जेल' खोली जाएँगी।
दरअसल जेल विभाग द्वारा करीब पाँच साल पूर्व होशंगाबाद में प्रयोग बतौर राजस्थान की तर्ज पर प्रदेश में पहली खुली जेल बनाने की योजना शुरू की गई थी। पीडब्ल्यूडी द्वारा इसका निर्माण पूरा हो चुका है। अब इसमें कैदियों को शिफ्ट करने से पहले कुछ नियमों में संशोधन किया जाना है। इसके लिए जेल विभाग ने राज्य सरकार से अनुमति माँगी है।
जेल मंत्री की मुख्यमंत्री से चर्चा भी हो चुकी है। अनुमति मिलते ही केंद्रीय जेलों में सजा काट रहे कैदियों को शिफ्ट कर दिया जाएगा।
तीन करो़ड़ की लागत से 25 कुटिया : केंद्र और राज्य सरकार की पर्सपेक्टिव मैचिंग ग्रांट योजना के तहत जेल विभाग द्वारा विशाल बाबई कृषि फार्म में तीन करो़ड़ नौ लाख की लागत से कैदियों के लिए 25 कुटिया बनाई गई हैं। इसके अलावा प्रशासकीय भवन और बैरक भी बनाए गए हैं, जिनमें जेल अधिकारी और अन्य कर्मचारी रहेंगे।