रायपुर समेत राज्य के कई नर्सिंग होम में संचालित अवैध पैथालाजी लैबों पर नकेल कसने के लिए जल्द ही नर्सिंग होम एक्ट लागू होने वाला है।
लोक सभा चुनाव के कारण राज्य में लगी आचार संहिता के खत्म होने के साथ ही एक्ट लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक प्रपोजल तैयार है। इसे जल्द ही मूर्त रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्य में बड़ी संख्या में अवैध पैथालाबी चल रहे हैं। एक और दो साल वाले लैब टेक्नीशियन का कोर्स करने वाले भी बतौर पैथालाजिस्ट लैब चला रहे हैं, जबकि वे इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। इन कोर्स के बाद उन्हें केवल एमडी पैथालाजिस्ट के अधीन सहायक के रूप में कार्य करने की पात्रता है।
गौरतलब है कि अवैध पैथालाजी लैबों पर नियंत्रण के लिए पैथालाजिस्ट एसोसिएशन ने हाईकोर्ट तक की लड़ाई लड़ी, जिसमें उसे सफलता भी मिली, लेकिन उनपर पाबंदी नहीं लग पाई।
संघ के सदस्य डा. रविंद्र थवाईत ने कहा कि राज्य में एमडी पैथालाजिस्टों की संख्या 110 है, जो पंजीकृत हैं। इसके विपरीत लगभग पाँच सौ अनाधिकृत पैथालाजी लैब चल रहे हैं। कई नर्सिंग होम्स भी हैं, जहाँ नियमित सुविधाओं के अतिरिक्त टेस्ट की भी सुविधा है।
नर्सिंग होम संचालकों को यूरिन, माइक्रोस्कोपिक तथा हीमोग्लोबिन आदि सामान्य टेस्ट करने की छूट है, जबकि वे कुछ बड़े टेस्ट जैसे बायोकैमिकल, कीडनी तथा लीवर फंक्शन आदि के भी टेस्ट कर रहे हैं। इसके लिए वे अधिकृत नहीं हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के संचालक बीएस सार्वा ने कहा कि जल्द ही राज्य में नर्सिंग होम एक्ट लागू होगा। इससे अवैध रूप से चल रहे पैथालाजी लैबों को नियंत्रित किया जा सकेगा।
छग पैथालाजिस्ट एसोसिएशन के सचिव डॉ. प्रभाष श्रीवास्तव ने कहा कि यह खुशी की बात है कि राज्य में जल्द नर्सिंग होम एक्ट लागू होगा। इससे नर्सिंग होम में चल रहे अवैध पैथालाजी लैबों पर पाबंदी लगेगी।-नईदुनिया