ओंकारेश्वर बाँध अपनी पूर्ण क्षमता से बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहा है। यहाँ सभी टरबाइनें चलाने के बाद भी 520 के स्थान पर 400 मेगावॉट बिजली ही बन रही है। पूर्ण क्षमता से जलभराव करने पर हाईकोर्ट की रोक के कारण प्रतिदिन यहाँ 120 मेगावॉट कम बिजली बन रही है।
पूर्ण क्षमता से बिजली उत्पादन नहीं होने का कारण बाँध का जलस्तर 189 मीटर से आगे नहीं ले जाना है। परियोजना में 65-65 मेगावॉट की कुल 8 टरबाइन हैं, जो प्रतिदिन चलाई जा रही हैं। इसके बावजूद विभाग एक टरबाइन से मात्र 50 मेगावॉट बिजली उत्पादन कर पा रहा है। जब तक बाँध का जलस्तर 189 मीटर रहेगा, तब तक एक टरबाइन 50 मेगावॉट बिजली ही बनाएगी। पूर्ण क्षमता 65 मेगावॉट बिजली उत्पादन के लिए जलस्तर 193 मीटर तक ले जाना होगा।
पुनर्वास पीड़ितों की समस्या यथावत : ओंकारेश्वर परियोजना तैयार हुए 3 साल होने को आए हैं, लेकिन पूर्ण क्षमता से बिजली उत्पादन नहीं होने के पीछे मध्यप्रदेश शासन की पुनर्वास के प्रति ढुलमुल नीति जिम्मेदार रही है। अगर समय रहते पुनर्वास पीड़ितों की समस्या का निराकरण हो जाता तो अभी 120 मेगावॉट बिजली का नुकसान नहीं उठाना पड़ता।