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विधायक बनो, जिंदगीभर ऐश करो

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विधानसभा सचिवालय में विधायक सुविधा नाम से अलग से शाखा है, जहाँ विधायकों की सुविधा का ध्यान रखा जाता है। प्रदेश के विधानसभा सदस्यों को एक साल पहले तक कुल 25 हजार रुपए वेतन मिलता था, लेकिन अक्टूबर 2007 से इन्हें कुल 35 हजार रुपए महीने मिलने लगे हैं।

आखिर हर कोई विधायक बनने के लिए इतना उतावला क्यों है। बेशक विधायक स्वयं को जनसेवक कहलाते हों, लेकिन सच्चाई यह है कि आप नेता को एक बार वोट देते हैं, विधायक बनने के बाद वे जीवनभर नोट लेते हैं। वेतन के रूप में, यात्रा भत्ते के रूप में, चिकित्सा भत्ते के रूप में, जब विधायक नहीं भी रहें तो पेंशन के रूप में और यदि मृत्यु हो जाए तो उनके पति या पत्नी को जीवनभर पेंशन की पात्रता रहती है।

प्रजातंत्र में विधायक चुनने की परपंरा इसलिए शुरू की गई थी कि वे अपने-अपने क्षेत्र के विकास एवं समस्याओं को प्राथमिकता देंगे, लेकिन अब ये मायने बदल गए हैं। विधायक बनना स्टेटस सिंबल बन गया है। विधायक बनने के बाद वैधानिक और अवैधानिक कई शक्तियाँ इनके हाथों में आ जाती हैं। यह व्यवसाय दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ने लगता है। कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो अब विधायक बनने के पीछे जनसेवा की भावना तो कही दिखाई ही नहीं देती। वहीं विधायकों की सुविधाएँ बढ़ाने के लिए सर्वसम्मति से एक राय होकर विधानसभा में प्रस्ताव पारित करवा लिए जाते हैं।

चुनाव आयोग का कोई असर नहीं : विधानसभा चुनाव को लेकर बेशक चुनाव आयोग कितनी भी सख्ती करे, लेकिन इस बार प्रदेश में विधानसभा का चुनाव अभी तक के चुनाव में सबसे महँगा होने की संभावना है। विधायकों ने इतना धन कमा लिया है कि वे पुनः विधायक बनने के लिए जमकर रुपए लुटाने को तैयार दिख रहे हैं।

रातों-रात बनते हैं करोड़पति : विधायक बनने के साथ ही नेता जी को जो भी वैधानिक सुविधाएँ मिलती हैं, उसके अतिरिक्त कुछ अपवादों को छोड़कर वे अवैधानिक रूप से इतनी काली कमाई करते हैं कि वह रातोंरात करोड़पति बन जाते हैं। आजजहाँ विधायकों में अपने रिश्तेदारों के नाम से रेत के ठेके, सड़क निर्माण के ठेके, शराब के ठेके आदि लेने का रिवाज चल रहा है जो विधायक ऐसा नहीं करता है, उसकी गिनती भूखे में या पिछड़ेपन में होती है।

विधायकों को प्रतिमाह मिलने वाली सुविधाएँ :
1. पीए के रूप में राज्य सरकार के एक क्लर्क (कर्मचारी) की सेवाएँ।
2. सुरक्षा के लिए एक या एक से अधिक गनमैन (सुरक्षाकर्मी)।
3. राजधानी भोपाल में मकान बनाने के लिए रियायत दर पर जमीन का आवंटन।
4. प्रदेश के अंदर एक सहयोगी के साथ रेलगाड़ी के एसी डिब्बे में असीमित यात्रा।
5. प्रदेश के बाहर रेलगाड़ी के सभी डिब्बे में प्रतिवर्ष छः हजार किलोमीटर की यात्रा।
6. राज्य सरकार की ओर से फ्री लेपटॉप।
7. प्रदेश के बाहर सीमित हवाई यात्रा की भी सुविधा।
8. विधायकी के कार्य से यात्रा करने में 700 किलोमीटर तक 250 रुपए प्रतिदिन यात्रा 700 किलोमीटर से ज्यादा यात्रा करने पर 400 रुपए प्रतिदिन यात्रा भत्ता।
9. सत्र के दौरान रेल से भोपाल तक आने वाले विधायकों को घर से स्टेशन तक तथा स्टेशन से विधायक निवास तक का भत्ता।
10. पूरे विधायक कार्यकाल तक के लिए भोपाल आवास व्यवस्था, जिसमें एक टेलीफोन, सत्र के दौरान 15 कॉल प्रतिदिन एवं सत्र के बिना 7 कॉल प्रतिदिन करने की पात्रता शामिल हैं।
11. गंभीर बीमारी पर सरकार की ओर से बेहतर इलाज की सुविधा।
12. 80 लाख प्रतिवर्ष से ज्यादा विधायक निधि, जिसे वे अपने क्षेत्र में अपने विवेक से व्यय कर सकते हैं।

पूर्व विधायकों को सुविधाएँ :
1. 6000 रुपए पेंशन प्रतिमाह।
2. 3000 रुपए मेडिकल भत्ता प्रतिमाह।
3. प्रदेश में एक साथी के साथ एसी में असीमित यात्रा की पात्रता।
4. पाँच वर्ष से अधिक समय विधायक रहने पर 200 रुपए प्रतिवर्ष के मान से पेंशन में बढ़ोतरी।
5. पूर्व विधायक की मृत्यु होने पर उनके पति या पत्नी को आजीवन 3000 रुपए पेंशन की पात्रता शामिल है। (नईदुनिया)

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