मालेगाँव धमाकों की जाँच को लेकर केन्द्र पर हमले तेज करते हुए भाजपा ने मंगलवार को कहा कि मोहम्मद हनीफ की गिरफ्तारी के मामले में सो न पाने वाले प्रधानमंत्री धमाकों में पकड़ी गई और कथित तौर पर प्रताड़ना का शिकार हो रही साध्वी पर मौन क्यों हैं?
भारतीय डॉ. हनीफ को ब्रिटेन के ग्लासगो हवाई अड्डे पर नाकाम आतंकी हमले के सिलसिले में ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस ने जुलाई 2007 में गिरफ्तार किया था।
भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने आज कहा कि हनीफ की गिरफ्तारी पर उसके परिजनों की व्यथा सुनकर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने भावुकता जताते हुए नींद न आने की बात कही थी, लेकिन महाराष्ट्र एटीएस द्वारा हिरासत के दौरान साध्वी को बुरी तरह प्रताड़ित करने की बातें सामने आने पर उन्होंने चुप्पी साध ली है। यह तुष्टिकरण की राजनीति का तुच्छ नमूना है।
नायडू ने सियासी हित साधने के लिए महाराष्ट्र एटीएस के दुरुपयोग का आरोप दोहराते हुए कहा कि उन्होंने देश की किसी भी जाँच एजेंसी को इस तरह विरोधाभासी बातें कहते नहीं सुना।
उन्होंने कहा कि पहले मालेगाँव धमाकों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर संदेह की खबरें आईं, फिर धमाकों के आरोपियों के तार संघ के कुछ बड़े नेताओं से जुड़े होने का दावा किया गया। अब धमाकों में विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का नाम घसीटने की कोशिश की जा रही है।
मध्यप्रदेश में एक हालिया चुनावी सभा में प्रधानमंत्री द्वारा प्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर भी नायडू ने उन्हें निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि मनमोहन खुद दागी मंत्रियों की सरकार की अध्यक्षता कर रहे हैं। ऐसे में उनके द्वारा मर्यादाएँ तोड़कर चौहान और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ना बेहद हास्यास्पद है।
नायडू ने संसद कैश कांड के संबंध में भी कांग्रेस पर तीखे हमले किए। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के रणनीतिकारों में शामिल पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी को उनके एक कथित बयान पर आड़े हाथों लिया।
नायडू ने कहा पचौरी कह रहे हैं कि प्रदेश में 27 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में विकास कोई मुद्दा ही नहीं है। उनके इस बयान से साफ है कि कांग्रेस विकास को लेकर कितनी गंभीर है।