Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव : बागियों ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किल

-वेबदुनिया डेस्क

Advertiesment
हमें फॉलो करें मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2013
, गुरुवार, 7 नवंबर 2013 (20:50 IST)
FILE
मध्यप्रदेश में सत्ता का ख्वाब देख रही कांग्रेस के लिए मुश्किलें दिनोदिन बढ़ती ही जा रही हैं। टिकट वितरण से नाराज कार्यकर्ताओं ने बागी तेवर अख्तियार कर लिए हैं, तो नाराज नेता पार्टी को ही बाय-बाय कह रहे हैं।

मध्यप्रदेश के लिए गुरुवार का दिन काफी बुरा रहा। पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब कद्दावर नेता और प्रदेश उपाध्यक्ष माणक अग्रवाल ने बागी तेवर अपनाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सुरेश पचौरी पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे। उनकी इच्छा होशंगाबाद से चुनाव लड़ने की थी, लेकिन सूची नाम नहीं होने से वे काफी नाराज थे।

दूसरी ओर नाराज कार्यकताओं ने भोपाल के कांग्रेस दफ्तर में तोड़फोड़ की। कार्यालय के सभाकक्ष में कुर्सियां फेंकी और दरवाजों में तोड़फोड़ की। कई समर्थकों ने मुख्य द्वार पर धरना देकर नारेबाजी भी की।

बगावत का नजारा नीमच में भी देखने को मिला, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की करीबी सांसद मीनाक्षी नटराजन की घेराबंदी कर दी। यहां भी नाराजी टिकट वितरण को लेकर ही थी। नटराजन ने काफी देर तक खुद को कार्यालय के कमरे में कैद कर लिया।

आदिवासी अंचल झाबुआ में कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा जब प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया की भतीजी कलावती भूरिया ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए झाबुरा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल कर कांग्रेस प्रत्याशी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उल्लेखनीय है कि कांतिलाल अपने बेटे विक्रांत और भतीजी कलावती के लिए टिकट मांग रहे थे।

टिकटों की घोषणा के साथ ही इंदौर में भी कांग्रेसी खुलकर पार्टी के विरोध में खड़े हो गए हैं। यहां क्षेत्र क्रमांक 1, 2, 5 और देपालपुर में घोषित उम्मीदवार काफी मुश्किल में हैं। एक नंबर में जहां कमलेश खंडेलवाल और संजय शुक्ला बागी हो गए हैं तो दो नंबर में चिंटू चौकसे को मोहन सेंगर की उम्मीदवारी रास नहीं आ रही है। देपालपुर में सत्यनारायण पटेल के खिलाफ विशाल पटेल ने मोर्चा खोल रखा है। इनमें से कुछ निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस प्रत्याशी को हरवाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

कार्यकर्ताओं की बगावत से न सिर्फ स्थानीय बल्कि प्रदेश के शीर्ष नेताओं की भी नींद उड़ी हुई है। क्योंकि विरोधी सुरों से 'मिशन 2013' पूरा होता नहीं दिख रहा है। हालांकि ओपिनियन पोल भी भाजपा की ही सरकार बना रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi