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...तो बुरी तरह विधानसभा चुनाव हारती भाजपा

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इंदौर , गुरुवार, 21 नवंबर 2013 (19:50 IST)
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इंदौर। मध्यप्रदेश समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में ‘मोदी फैक्टर’ की सीधी मौजूदगी कबूल करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पंकज शर्मा मानते हैं कि अगर भाजपा नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करती तो इन चुनावों में उसकी करारी हार तय थी।

शर्मा ने यहां कहा कि अगर गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया होता और देश का एक तबका उनके झांसे में आता न दिखाई दे रहा होता, तो मध्यप्रदेश और अन्य चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा बुरी तरह हारने जा रही थी।

उन्होंने एक सवाल पर कहा कि हां, मैं मानता हूं कि इन चुनावों में मोदी फैक्टर काम कर रहा है, लेकिन यह इस देश का दुर्भाग्य है। हालांकि अगले लोकसभा चुनाव आते-आते यह फैक्टर पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। बहरहाल, शर्मा ने दावा किया कि ‘मोदी फैक्टर’ के बावजूद सभी 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस भाजपा के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगी।

भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सचिव ने कहा कि मोदी ने भारतीय सियासत को व्यक्तिकेंद्रित करके लोकतंत्र के सामने बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। वे खुद को भले ही उदारवादी नेता के रूप में पेश करें, लेकिन अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि अगर वे देश की केंद्रीय सत्ता की कमान थामते हैं तो इसके क्या दुष्परिणाम होंगे।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बार दो विधानसभा सीटों बुधनी और विदिशा से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन खुद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह स्वीकार कर चुके हैं कि उनकी पार्टी शिवराज के खिलाफ दमदार उम्मीदवार उतारने में नाकाम रही है।

इस बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि अगर शिवराज वाकई भाजपा के बड़े चेहरे हैं तो उन्हें इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ने की नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी, लिहाजा हम शिवराज की चुनौती को उतनी गंभीर नहीं मानते।

उन्होंने दावा किया कि केवल शिवराज की छवि के बूते भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती, क्योंकि इस पार्टी की सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ लोगों में आक्रोश है और सत्ता विरोधी लहर तेजी से काम कर रही है।

क्या शिवराज के खिलाफ मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करना कांग्रेस को 25 नवंबर को होने वाले चुनावों में रणनीतिक नुकसान पहुंचाएगा, इस सवाल पर कांग्रेस सचिव ने कहा कि कांग्रेस की परंपरा रही है कि पार्टी को चुनावों में बहुमत मिलने पर हमारे विधायक उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करके अपना मुख्यमंत्री चुनते हैं।

उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि वर्तमान जरूरतों को देखते हुए कांग्रेस को अपनी इस नीति पर अब गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिए। शर्मा ने एक सवाल पर दावा किया कि वे सभी चुनाव पूर्व जनमत सर्वेक्षण (ओपिनियन पोल) गलत साबित होंगे जिनमें भविष्यवाणी की गई है कि मध्यप्रदेश में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है।

उन्होंने कहा कि चुनावी जनमत सर्वेक्षणों का जमीनी सचाई से कोई लेना-देना नहीं होता। भारत जैसे विशाल और बहुलतावादी देश में इन सर्वेक्षणों के लिए कोई भी तरीका अपना लिया जाए, ये सर्वेक्षण सही निष्कर्ष निकाल ही नहीं सकते। (भाषा)

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