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मध्यप्रदेश में 12000% तक बढ़ी विधायकों की संपत्ति

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भोपाल। मध्यप्रदेश के चुनावी मैदान में इस बार करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या 2008 के चुनाव में खड़े उम्मीदवारों से बढ़ गई है। इस बार तीन प्रमुख दलों के आधे से अधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं। राज्य में विधायकों की संपत्ति में 12000 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।

मध्यप्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने 2013 के प्रदेश के विधानसभा चुनावों के 2583 उम्मीदवारों में से तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भाजपा और बसपा के 686 उम्मीदवारों में से 683 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया।

इन सभी दलों के तीन प्रत्याशियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण नहीं किया जा सका। भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय के शपथ पत्र के साथ संलग्नक उपलब्ध नहीं थे, कांग्रेस के उदय प्रकाश मिश्रा के शपथ पत्र में पन्ने गायब थे, जबकि बसपा के विजयसिंह चौहान द्वारा दिए गए शपथ पत्र में लिंक उपलब्ध नहीं थी।

अगले पेज पर पढ़ें... उम्मीदवारों के बारे में कुछ रोचक जानकारियां....




* 8 विधायकों (जो इस बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं) की संपत्ति 1000% या इससे ज्यादा बढ़ी है।
* 16 विधायकों (जो इस बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं) की संपत्ति 500% से ज्यादा बढ़ी है।
* 113 विधायकों (जो इस बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं) की संपत्ति 1% से 500% तक बढ़ी है।

इन दलों की प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति भी बढ़ गई है। भाजपा की औसत संपत्ति (229 प्रत्याशी) 4.04 करोड़ रुपए प्रति उम्मीदवार हैं, कांग्रेस के 228 प्रत्याशियों की औसत संपत्ति है 5.33 करोड़ रुपए प्रति उम्मीदवार और बसपा के 226 प्रत्याशियों की औसत संपत्ति है 76.62 लाख रुपए। जबकि 2008 के विधानसभा चुनावों में भाजपा, कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशियों की औसत संपत्ति क्रमशः 1.05 करोड़, 1.59 करोड़ और 57.29 लाख रुपए प्रति प्रत्याशी थी।

और ऐसा भी नहीं है कि सभी की सम्पत्ति ज्यादा ही है बल्कि एक प्रत्याशी की संपत्ति शून्य भी है। यह भी आश्चर्यजनक है कि एक ओर सरकार और उसका पूरा महकमा आम जन से आयकर भरने के लिए अपील करता है, लेकिन हमारे माननीयों में से 143 प्रत्याशियों (21%) ने अपने पैन नंबर की जानकारी नहीं दी है और 275 प्रत्याशियों (40%) ने अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने से संबंधित विवरण नहीं दिया है।

अगले पृष्ठ पर देखें... उम्मीदवारों की आर्थिक पृष्ठभूमि के बारे में....




* जिन 683 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया उनमें से 350 (51 प्रतिशत) करोड़पति हैं।
* मध्य प्रदेश 2013 विधानसभा चुनाव में इन 683 प्रत्याशियों में से 350 (51%) करोड़पति हैं। भाजपा के 70%,कांग्रेस के 66% प्रत्याशी और बसपा के 18% प्रत्याशी करोड़पति हैं, जबकि वर्ष 2008 में भाजपा के 35% प्रत्याशी करोड़पति थे, कांग्रेस के 37% प्रत्याशी और बसपा के 13% प्रत्याशी करोड़पति थे।

* करोड़पति उम्मीदवारों के आधार पर 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों की तुलना : 2008 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 29% करोड़पति उम्मीदवारों (639 विश्लेषित उम्मीदवारों में से 184) की तुलना में 2013 के चुनाव में विश्लेषित किए गए 51% (683 उम्मीदवारों में से 350) करोड़पति हैं। यानी कि 2008 विधानसभा चुनाव की तुलना में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में 22% का इजाफा हुआ है।

* 2013 विधान सभा चुनाव के इन प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 3.38 करोड़ रुपए प्रति उम्मीदवार है। 2008 विधानसभा चुनावों में इन तीन राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 1.07 करोड़ रुपए थी।

अगले पेज पर पढ़ें... दलवार औसत संपत्ति के बारे में....


दल-वार औसत संपत्ति : 2013 विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की दलवार औसत संपत्ति इस प्रकार है - भाजपा (229 प्रत्याशी) 4.04 करोड़ रुपए प्रति उम्मीदवार, कांग्रेस (228 प्रत्याशी) 5.33 करोड़ रुपए प्रति उम्मीदवार और बसपा (226 प्रत्याशी) 76.62 लाख रुपए प्रति उम्मीदवार। जबकि 2008 के विधानसभा चुनावों में भाजपा, कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशियों की औसत संपत्ति क्रमशः 1.05 करोड़, 1.59 करोड़ और 57.29 लाख रुपए प्रति प्रत्याशी थी।

सर्वाधिक संपत्ति वाले प्रत्याशी : सबसे अधिक संपत्ति वाले तीन प्रत्याशी हैं विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से संजय पाठक (कांग्रेस) जिनकी घोषित संपत्ति 121.32 करोड़ रुपए है, इनके बाद हैं रतलाम शहर क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी चेतन कश्यप जिनकी संपत्ति 120.29 करोड़ रुपए है और कांग्रेस के देपालपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल जिनकी कुल संपत्ति 70.96 करोड़ रुपए है।

कम संपत्ति वाले प्रत्याशी : विश्लेषित किए गए 683 प्रत्याशियों में से कुल 28 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके पास 10 लाख रुपए से कम की संपत्ति है। हरसूद विधानसभा क्षेत्र के बसपा प्रत्याशी विजयसिंह उइके के पास 2000 रुपए की सबसे कम घोषित संपत्ति है।

भाजपा के उम्मीदवारों में 1.38 लाख रुपए की सबसे कम घोषित संपत्ति है इंदौर-3 विधानसभा क्षेत्र की उषा ठाकुर के पास, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशियों में बडवारा से विजय राघवेंद्र सिंह के पास 3.77 लाख रुपए की सबसे कम घोषित संपत्ति है।

शून्य संपत्ति वाले प्रत्याशी : मनावर विधानसभा क्षेत्र के बसपा प्रत्याशी अजय रावत की कोई भी घोषित संपत्ति नही है, यानी शून्य है।

किसको कितना देना है... पढ़ें अगले पेज पर...




देनदारियां : विश्लेषित किए गए 683 प्रत्याशियों में से कुल 43 प्रत्याशियों ने 10 लाख रुपए और उससे ज्यादा की देनदारियां घोषित की हैं।

सर्वाधिक देनदारियों वाले प्रत्याशी : तीन सर्वाधिक घोषित देनदारियों वाले प्रत्याशियों में सबसे आगे हैं विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी संजय पाठक जिन्होंने सर्वाधिक 48.70 करोड़ रुपए की देनदारियां घोषित की हैं।

इनके बाद हैं भोजपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पटवा जिनके ऊपर 34.49 करोड़ रुपए की घोषित देनदारियां हैं और भाजपा के ही उज्जैन (दक्षिण) विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी डॉ. मोहन यादव जिन्होंने 5.11 करोड़ रुपए की देनदारियां दिखाई हैं।

अघोषित पैन नंबर : 2013 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में दिए गए शपथ पत्रों में इन 683 प्रत्याशियों में से 143 प्रत्याशियों (21%) ने अपने पैन नंबर का उल्लेख नहीं किया है।

आयकर रिटर्न दाखिल करने की जानकारी ना देने वाले प्रत्याशी : विश्लेषित किए गए 683 प्रत्याशियों में से 275 प्रत्याशियों (40%) ने अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने की जानकारी नहीं दी है। इनमें से भाजपा के 23 प्रतिशत, कांग्रेस के 29 और बसपा के 69 प्रतिशत उम्मीदवार हैं।

अगले पेज पर पढ़ें... मध्यप्रदेश के टॉप टेन करोड़पति उम्मीदवार....




सर्वाधिक आय वाले प्रत्याशी : विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी संजय पाठक ने सर्वाधिक 8.94 करोड़ रुपए के आय की घोषणा सन 2012-13 में दाखिल अपने आयकर रिटर्न में की है। इनके बाद हैं तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी संजय शर्मा, जिनकी घोषित आय है 3.44 करोड़ और कांग्रेस के छतरपुर प्रत्याशी आलोक चतुर्वेदी जिनकी वित्तीय वर्ष 2012-13 में 1.73 करोड़ रुपए की आय थी।

सर्वाधिक सम्पत्ति वाले 10 करोडपति उम्मीदवार जिन्होंने आयकर रिटर्न नहीं भरा -

मुन्नी सेठ (बसपा)-देवास, यादवेन्द्र सिंह (कांग्रेस) -नागौद, अरुणोदय चौबे (कांग्रेस) -खुरई, पुष्पेन्द्र सिंह हजारी (कांग्रेस) -पथरिया, घनश्यामसिंह (कांग्रेस) -सेंवड़ा, प्रेमसिंह(बीजेपी) -बड़ावानी, लोकेन्द्रसिंह तोमर( बीजेपी) -मान्धाता, महेंद्र पाल (बसपा) -पन्ना, विश्वेश्वर भगत (कांग्रेस) -कटंगी, हजारीलाल दांगी (बीजेपी) -खिलचीपुर।

दोबारा चुनाव लड़ रहे विधायकों की संपत्ति की तुलना...पढ़ें अगले पेज पर...



यह भी कम रोचक नहीं है कि जिन विधायकों/मंत्रियों ने पिछली बार चुनाव लड़ा था, उनकी संपत्ति की आज क्या स्थिति है। आप विश्लेषण को देखेंगे कि जहां 2008 में इन विधायकों की कुल घोषित औसत संपत्ति 1 करोड़ थी, जो कि अब बढ़कर 5 करोड़ हो गई है। कई विधायकों की संपत्ति 200 प्रतिशत से लेकर 12000 प्रतिशत तक बढ़ी है। ऐसा भी नहीं है कि सभी की संपत्ति बढ़ ही गई है बल्कि भाजपा के 4 विधायकों की संपत्ति घट भी गई है।

* दोबारा चुनाव लड़ रहे विधायक : मध्यप्रदेश एलेक्शन वॉच (एमपीईडब्ल्यू) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 141 वर्तमान विधायकों की संपत्ति का विश्लेषण किया है, जो 2013 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में शामिल हैं।

2008 चुनावों में औसत संपत्ति : विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी मैदान में उतारे गए इन 141 विधायकों की औसत आय 2008 में 1.70 करोड़ रुपए थी।

2013 चुनावों में औसत संपत्ति : 2013 में फिर से चुनाव लड़ रहे इन 141 विधायकों की औसत संपत्ति 5.81 करोड़ रुपए है।

पांच साल (2008-2013) में संपत्ति की औसत बढ़त : 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों के बीच इन 141 विधायकों की संपत्ति में 4.11 करोड़ रुपए की औसत बढ़त दर्ज की गई।

पांच साल (2008-2013) में संपत्ति की प्रतिशत बढ़त : इस दौर में इन 141 विधायकों की संपत्ति में औसतन 242 % की बढ़त दर्ज की गई।

दलवार औसत प्रतिशत बढ़त - दलवार औसत में जहाँ बीजेपी के विधायकों की संपत्ति में 253%, कांग्रेस के विधायकों की संपत्ति में 235% का इजाफा हुआ हुआ है वहीं बसपा के विधायकों की संपत्ति में 270% तक का इजाफा हुआ है|

पांच साल (2008-2013) में संपत्ति की सर्वाधिक बढ़त : विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी संजय पाठक ने सर्वाधिक 87.15 करोड़ रुपए की वृद्धि की घोषणा की है। इनकी संपत्ति 2008 में 34.17 करोड़ से बढ़कर 2013 में 121.32 करोड़ रुपए हो गई है।

पिछौर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह कक्काजू की संपत्ति में 49.23 करोड़ रुपए की बढ़त हुई है और ये 2008 में 11.48 से बढ़कर 2013 में 60.72 करोड़ रुपए हो गई है। देपालपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल की संपत्ति 2008 में 30.01 करोड़ रुपए से 40.95 करोड़ रुपए बढ़कर 2013 में 70.96 करोड़ रुपए हो गई है।

इनकी संपत्ति तो घट गई... पढ़ें अगले पेज पर....




पांच सालों (2008-2013) के दौरान संपत्ति में कमी : भाजपा के 4 प्रत्याशियों ने 2008 की तुलना में 2013 के चुनाव में अपनी संपत्ति के घटने की घोषणा की है। इनमे सबसे ज्यादा 49% कमी आई है। अटेर विधानसभा क्षेत्र के अरविंद भदोरिया की संपत्ति में (2008 में 1.45 करोड़ रुपए से घटकर 2013 में 74.26 लाख रुपए)।

इनके बाद हैं हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र के दीपक जोशी जिनकी घोषित संपत्ति में 10% की कमी आई है (2008 में 40.94 लाख रुपए से घटकर 2013 में 36.82 लाख रुपए)। खरगोन विधानसभा क्षेत्र के बालकृष्ण पाटीदार ने अपनी संपत्ति में 9% की कमी दिखाई है (2008 के चुनाव में 3.84 करोड़ रुपए से घटकर 2013 में 3.51 करोड़ रुपए), जबकि चित्रांग विधानसभा क्षेत्र के जगन्नाथसिंह की संपत्ति में 8% की कमी आई है (2008 चुनाव में 68.12 लाख रुपए से घटकर 2013 में 62.56 लाख रुपए)।

क्या है इलेक्शन वॉच और एडीआर की मांग... पढ़ें अगले पेज पर...



चुनाव आयोग को चाहिए कि वह शपथ पत्रों की अनिवार्य रूप से और सूक्ष्म तरीके से जांच करे। हमारे अनुभव ऐसे आ रहे हैं कि प्रत्याशियों द्वारा अपने शपथ पत्र भरने में गंभीरता नहीं दिखाई गई है, जिसके कारण उनके द्वारा दर्ज जानकारियों को विश्वसनीय नहीं माना जा पा रहा है। जैसे प्रत्याशियों द्वारा पैन कार्ड की जानकारी न देना और अपनी आयकर विवरणिका की जानकारी न देना, लेकिन अभी तक आयोग द्वारा इस पर आपत्ति दर्ज न कराना समझ से परे हैं। ऐसे में जरूरी है कि चुनाव आयोग सभी शपथ पत्रों का गंभीरता से विश्लेषण करे और प्रत्याशियों को जवाबदेह भी बनाए।

इन विश्लेषणों से यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रत्याशियों द्वारा बहुत-सी जानकारियां गलत ढंग से भरी हैं और आधी-अधूरी भरी हैं। चुनाव आयोग इनका भी संज्ञान ले।

हम मानते हैं कि शपथ पत्रों की जांच का काम बेहद जटिल है पर यह मतदाताओं के लिए जरूरी है कि उनके पास सूचित विकल्प हों और इसलिए यह भी जरूरी है कि चुनाव आयोग द्वारा शपथ पत्रों की तत्काल जांच हो और वह जानकारी जनता के समक्ष लाई जाए

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