Mp tourism : मध्यप्रदेश एक खूबसूरत राज्य है। यहां पर एक ओर जहां देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे ज्यादा और घने जंगल है तो दूसरी ओर सबसे ज्यादा नदियां। एक और ऊंचे पहाड़ है तो दूसरी ओर ऐतिहासिक स्मारक एवं पुरास्थल है। यहां पर सभी तरह की प्रकृति के दर्शन कर सकते हैं। यहां का सबसे सुंदर हिल स्टेशन पचमढ़ी है जहां झरने, जंगल, पहाड़ों की श्रृंखलाएं और सुंदर एवं मनोरम घाटियां हैं। आओ जानते हैं कि यहां पर कैसे जाएं, कहां ठहरें, कब जाएं और किन जगहों पर घूमें।
खासियत : नर्मदा पुरम यानी होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है जिसे मध्यप्रदेश का श्रीनगर और स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। रोमांटिक स्थलों में यह टॉप पर है। यहां सतपुड़ा पहाड़ों की कई श्रृंखलाएं हैं और सुंदर एवं मनोरम घाटियां हैं। पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। यहां के ऊंचे ऊंचे और हरे भरे पहाड़ों को देखना अपने आप में रोमांचक है।
पचमढ़ी में कहां घूमें?
1. गुफाएं : यहां की गुफाएं पुरातात्विक महत्व की हैं क्योंकि यहां गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं। जटाशंकर, पांडव गुफा और हांडी खोह प्रसिद्ध है। एक छोटी पहाड़ी पर ये पांचों गुफाएं हैं। इन पांच गुफाओं में 'द्रौपदी कोठरी' और 'भीम कोठरी' प्रमुख हैं। वैसे इन्हें बौद्धकालीन गुफाएं भी कहा जाता है, क्योंकि पुरातत्वविद मानते हैं कि यह गुफाएं गुप्तकाल की हैं जिन्हें बौद्ध भिक्षुओं ने बनवाया था। पचमढ़ी कस्बे से 1.5 किमी. दूरी पर जटाशंकर एक पवित्र गुफा है, यहां तक पहुंचने के लिए आपको कुछ दूर तक पैदल चलने का आनंद उठाना पड़ेगा। यहां मंदिर में शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बना हुआ है। यहां एक ही चट्टान पर बनी हनुमान जी की मूर्ति भी एक मंदिर में स्थित है। पास में हार्पर की गुफा भी है।
2. हांडी खोह : हांडी खोह की यह खाई पचमढ़ी की सबसे गहरी खाई है जो 300 फीट गहरी है। यह घने जंगलों से ढंकी है, वनों के घनेपन के कारण जल दिखाई नहीं देता। लेकिन यहां कल-कल बहते पानी की आवाज बहुत ही सुकूनदायक लगती है।
3. बड़ा महादेव मंदिर : पचमढ़ी के चौरागढ़ में स्थित है बड़ा महादेव का मंदिर। कहते हैं कि यही पर भगवान शंकर ने भस्मासुर को वरदान दिया था और यहीं पर उनको विष्णु जी से मदद लेना पड़ी थी। तिलक सिंदूर से बड़ा महादेव तक गुफा में शिव और भस्मासुर के बीच भागमभाग चली थी। यहीं भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप लेकर भस्मासुर को भस्म कर दिया था। पचमढ़ी शहर के लगभग 12 किलोमीटर दूर चौरागढ़ पहाड़ी स्थित है। सतपुड़ा पर्वत की मालाओं के बीच स्थित है यह पहाड़ी। चौरा बाबा के नाम पर रखा गया पहाड़ी का नाम। पहाड़ी पर मंदिर में पहुंचने के लिए पहले को कई पथरीले रास्ते तय करना होते हैं तब जाकर 365 सीढ़ियां चढ़ने के बाद महादेव के दर्शन होते हैं।
4. झरने : यहां बसे घने जंगल, मदमाते कई जलप्रपात और पवित्र निर्मल तालाब हैं। पांडव गुफाओं से आगे चलने पर 30 फीट गहरा एक ताल है जिसे अप्सरा विहार कहते हैं। जिसमें नहाने और तैरने का आनंद लिया जा सकता है। इसमें एक झरना आकर गिरता है। इसके आगे चलकर, इरन ताल, रजत प्रपात, बी फॉल्स तथा डचेस फॉल्स सबसे प्रसिद्ध है। यहां बी फॉल्स नामक पिकनिक स्पॉट है, जहां आप नहाने का भी मजा ले सकते हैं, यहां पहाड़ी से गिरते समय यह झरना बिलकुल मधुमक्खी की तरह दिखता है। इसके अलावा रजत प्रपात अप्सरा विहार से आधा किमी. की दूरी पर स्थित है। 350 फुट की ऊंचाई से गिरता इसका जल इसका जल एकदम दूधिया चांदी की तरह दिखाई पड़ता है। डचेज फॉल्स पचमढ़ी का सबसे दुर्गम स्पॉट है। यहां जाने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इसमें से 700 मीटर घने जगलों के बीच से और करीब 800 मीटर का रास्ता पहाड़ पर से सीधा ढलान का है। यह सबसे लोकप्रिय जलप्रपात हैं, जहां आप प्रकृति का असली मजा ले सकते हैं।
5. प्रियदर्शिनी प्वाइंट : यह एक ऐसी जगह है जहां से पचमढ़ी को देखना ताज्जुब भरा होता है। इस पॉइंट पर से सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही लुभावना नजर आता है। तीन पहाड़ी शिखर बायीं तरफ चौरादेव, बीच में महादेव तथा दायीं ओर सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ दिखाई देते हैं।
6. धूपगढ़ : यहां का सबसे प्रद्धि स्थान है। यह सबसे ऊंची पहाड़ी है। पचमढ़ी में तीन पहाड़ी शिखर की बाईं तरफ चौरादेव, बीच में महादेव तथा दाईं ओर धूपगढ़ दिखाई देते हैं। इनमें धूपगढ़ सबसे ऊंची चोटी है। पचमढ़ी से प्रियदर्शिनी प्वाइंट के रास्ते में आपको नागफनी पहाड़ देखने को मिलता है, जिसका आकार कैक्टस की तरह है।
7. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान : मढ़ई के पास यहां सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यहां गौर, तेंदुआ, भालू, भैंसा तथा अन्य जंगली जानवर सहज ही देखने को मिल जाते हैं। यहां सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 1981 में बनाया गया जिसका क्षेत्रफल 524 वर्ग किमी. है। यह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है।
6. अन्य जगहें : मढ़ई, रीछागढ़, डोरोथी डीप रॉक शेल्टर, जलावतरण, सुंदर कुंड, आदि कई सुंदर स्थान हैं।
पचमढ़ी घूमने कब जाएँ? यहां की विशेषता है कि आप यहां वर्षभर किसी भी मौसम में जा सकते हैं। यहां का तापमान सर्दियों में 4.5 डिग्री से. तथा गर्मियों में अधिकतम 35 डिग्री से. होता है। हालांकि हमारी सलाह है कि बारिश के मौसम को छोड़कर आप यहां घूमने जाएं क्योंकि बारिश में यहां पर जीप चलना बंद हो जाती है तो आप ज्यादा घूम नहीं पाएंगे।
कैसे घूमें : घूमने के लिए आप पचमढ़ी से जीप या स्कूटर ले सकते हैं। पचमढ़ी को अच्छे से देखने के लिए आपके पास कम से 2 दिन तो होने ही चाहिए।
कहां ठहरें : पचमढ़ी में ठहरने के लिए कई होटले हैं। जैसे, आम्रपाली, उत्कर्ष, पांडव, इंद्रप्रस्थ, कचनार, पेराडाइज, नटराज, संस्कार आदि कई होटलों के अलावा धर्मशाला और निजी आवास भी मिल जाएंगे।
वायु मार्ग : पचमढ़ी का सबसे करीब एयरपोर्ट राजधानी भोपाल में राजा भोज हवाई अड्डा है। भोपाल से नर्मदापुरम रेल, बस या टैक्सी द्वारा जा सकते हैं जो करीब 70 किलोमीटर दूर है। भोपाल के लिए दिल्ली और मुंबई के लिए दैनिक उड़ान सेवा है।
रेल मार्ग : पचमढ़ी तक पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन पिपरिया है। पिपरिया रेलवे स्टेशन से 40 किमी दूर पचमढ़ी है। पिपरिया और नर्मदापुरम से टैक्सी आसानी से मिल सकती है।
सड़क मार्ग : पचमढ़ी सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से पिपरिया के लिए आपको आसानी से बसें मिल सकती हैं। नर्मदापुरम से सड़क मार्ग द्वारा पचमढ़ी 110 किलोमीटर है।