इंदौर। शहर से सटे कैलोद कांकड़ गांव में एक 14 साल की मासूम लड़की 'बालिका वधू' बनने से बच गई। इस नाबालिग लड़की का ब्याह 21 साल के लड़के से होने जा रहा था लेकिन समय पर प्रशासन तथा पुलिस की टीम ने पहुंचकर शादी के लिए शुरू हो चुकी रस्मों को रुकवा दिया।
महिला और बाल विकास विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक हमें जानकारी मिली थी कि कैलोद कांकड़ गांव में 20 नवम्बर को एक बाल विवाह होने जा रहा है। इस विवाह की रस्में भी शुरू हो चुकी हैं। लड़की की उम्र 14 साल और लड़के की 21 वर्ष है।
इस सूचना के बाद प्रशासन तथा पुलिस की टीम लड़की के घर पहुंची और शादी की रस्में रुकवाईं। प्रशासन के कानूनी कदम उठाने की चेतावनी देने पर लड़की के परिजन उसका बाल विवाह रोकने को राजी हो गए। उनसे बाकायदा शपथ पत्र लिया गया कि वे अपनी संतान को तब तक शादी के बंधन में नहीं बांधेंगे, जब तक वह पूरे 18 साल की नहीं हो जाती।
उल्लेखनीय है कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है जो कानूनन अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को 2 वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा 1 लाख रुपए तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है। (तस्वीर : सांकेतिक)