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शिवज्योति अर्पणम् कार्यक्रम: उज्जैन में बनेगा विश्व रिकॉर्ड, गुड़ी पड़वा पर होंगे 27 लाख दीप प्रज्वलित

विक्रमोत्सव ने लिया भव्य स्वरूप

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

भोपाल , शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024 (12:17 IST)
Shivjyoti Arpanam Kasryakrama Ujjain : उज्जैन में आगामी 9 अप्रैल (9th April) को दीपोत्सव कार्यक्रम में 27 लाख दीप (27 lakh lamps) प्रज्वलित किए जाएंगे। इसमें 25 हजार वॉलेंटियर, 200 से ज्यादा सामाजिक संगठन, एनएसएस, एनसीसी के छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता, आमजन मिलकर शिप्रा (Shipra)  नदी के सभी घाटों पर दीप प्रज्वलन करेंगे। इसके अंतर्गत 'शिवज्योति अर्पणम्' कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) ने कहा कि विक्रमोत्सव ने भव्य स्वरूप ले लिया है।

 
यादव ने उज्जैन में कार्यक्रम के लिए गठित परामर्शदात्री समिति की बैठक में तैयारियों की समीक्षा के बाद अपने संबोधन में कहा कि अच्छे काम की शुरुआत होते ही लोग जुड़ते चले जाते हैं।
 
भारतीय संस्कृति में दीप प्रज्वलन की परंपरा : यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में दीप प्रज्वलन की परंपरा है। दीप ज्योति परमात्मा से जोड़ती है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि आगामी 9 अप्रैल को गुड़ी पड़वा एवं उज्जैन गौरव दिवस के अवसर पर 'शिवज्योति अर्पणम्' कार्यक्रम में सहभागी बनकर धार्मिक, सांस्कृतिक परंपरा को समृद्ध करें।

 
'शिवज्योति अर्पणम्' कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन होगा : यादव ने कहा कि 'शिवज्योति अर्पणम्' कार्यक्रम में उज्जैन के सभी धर्मप्राण नागरिक सहभागी बनकर विश्व रिकॉर्ड बनाने में सहयोग करें। इस बार भूखी माता मन्दिर घाट पर भी दीप प्रज्वलन किया जाएगा। रामघाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। सार्वजनिक स्थलों एवं घर-घर दीप प्रज्वलन कर इस दीपोत्सव को उज्जैनवासी यादगार बनाएंगे।
 
विक्रमोत्सव ने लिया भव्य स्वरूप : यादव ने उज्जैन के नागरिकों के सहयोग की चर्चा करते हुए कहा कि जब विक्रमोत्सव 20 वर्ष पहले शुरू किया गया था तो बहुत छोटा स्वरूप था। उज्जैन के नागरिकों के सहयोग से आज इसने भव्य स्वरूप ले लिया है। उन्होंने कहा कि उज्जैन को विक्रमादित्य के रूप में ऐसा राजा मिला, जो विपरीत परिस्थितियों को अपने पक्ष में कर लेने का सामर्थ्य रखता था।

 
रूस और अमेरिका भी भारत का सम्मान करते हैं : यादव ने विक्रमादित्य के गौरवशाली इतिहास को बताते हुए कहा कि आज रूस और अमेरिका जैसे महाशक्तिशाली देश भी सनातन संस्कृति की वजह से भारत का सम्मान करते हैं। इसका श्रेय देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को जाता है।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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