भोपाल। लॉकडाउन में लंबे समय से फंसे मजदूरों का तेजी से मध्यप्रदेश लौटने का सिलसिला जारी है। प्रदेश में अब तक 35 हजार मजदूर वापस आ चुके हैं। अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल-रूम आईसीपी केशरी के मुताबिक अब तक अन्य प्रदेशों से 35 हजार मजदूर वापस लाए जा चुके है।
गुरुवार को 11 हजार 281 श्रमिक राजस्थान के जैसलमेर, सीकर, झुंझुनू और झालावाड़ से मध्यप्रदेश के नीमच, आगर-मालवा, श्योपुर एवं गुना एन्ट्री प्वाइंट पर लाये गये हैं। इसी तरह गुजरात से करीब 500 मजदूर गुरुवार को प्रदेश पहुंचे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से करीब एक हजार श्रमिक भी प्रदेश पहुंच रहे है।
इन सभी मजदूरों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही इनको गृह जिलों में भेजा जा रहा है। वहीं अब भी प्रतिदिन करीब 3 से 4 हजार लोग पैदल भी प्रदेश में पहुंच रहे है। इसमें सर्वाधिक लोग उत्तर प्रदेश से आ रहे हैं। राजस्थान के मध्यप्रदेश में फँसे 4 हजार श्रमिकों को वापस भेजा गया है। प्रदेश से करीब 4 हजार श्रमिक उत्तर प्रदेश भेजे जा रहे हैं।
7 IAS अफसरों को सौंपी गई जिम्मेदार – लॉकडाउन में अन्य प्रदेश में फंसे मध्यप्रदेश के लोगों को वापस लाने के लिए 7 आईएएस अफसरों की तैनाती की है। इसमें प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव को गुजरात और राजस्थान का, प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई को दिल्ली और हरियाणा और प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी को महाराष्ट्र और झारखंड का ज़िम्मा दिया गया है।
इसके साथ ही IAS आइरिन सिंथिया जेपी को तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी , किरण गोपाल को आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उड़ीसा और नार्थ-ईस्ट और IAS इलैया राजा टी को कर्नाटक और गोवा को ज़िम्मेदारी दी गयी ही।