भोपाल। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के एसडीएम के महिला कर्मचारी से जूते के फीते बंधवाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरे मामले पर नाराजगी जताते हुए एसडीएम को हटा दिया है। पूरा मामला सिंगरौली जिले की चितरंगी तहसील के एसडीएम से जुड़ा है।
भोपाल में राज्य सिविल सेवा के 2019 और 2020 के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरम समारोह में खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना का जिक्र करते हुए कि “अभी एक कठोर निर्णय लेकर आ रहा हूं। एक डिप्टी कलेक्टर साहब अपने जूते के लेस महिला से बंधवा रहे है, यह मुझे मालूम है कि महिला के जूते के लेस बांधने का भाव अपने साहब के प्रति खराब नहीं हो सकता। मुझे भी मालूम पड़ा की एसडीएम साहब के पैर में चोट थी लेकि यह उनकी व्यक्तिगत बात हो सकती है। पब्लिक के तौर पर इसका चित्र क्या बनेगा, यह कौन पूछने जाएगा कि वह बीमार थे। इसका इम्पैक्ट तो पूरे समाज पर आएगा। आप बीमार थे तो छुट्टी पर चले जाते किसने रोका था लेकिन आपने अगर पब्लिकी अपने लेस बंधवाए तो हम कैसे बर्दाश्त कर सकते है । हम आपको सस्पेंड नहीं कर रहे है लेकिन वहां से तो हटा ही देंगे, अगली बार आपको ध्यान में आ जाएगा कि आपको क्या करना है”।
क्या है पूरा मामला-सिंगरौली जिले में चितरंगी तहसील के एसडीएम असवन राम चिरावन का एक कार्यक्रम के बाद एक महिला लिपिक से अपने जूते के फीते बंधवाने की तस्वीर वायरल हुई। बताया जा रहा है कि चितरंगी के उत्कृष्ट स्कूल में 22 जनवरी को राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का समारोह था। इसमें राज्य मंत्री राधा सिंह भी शामिल हुई थीं।
कार्यक्रम खत्म होने के बाद एसडीएम असवन राम बाहर निकलते ही लोहे का एंगल पकड़कर खड़े हो गए। इसके बाद एक महिला कर्मचारी ने उनके जूते के फीते बांधे। वहीं एसडीएम असवन राम चिरावन ने सफाई देते हुए कहा कि दिसंबर में एक कार्यक्रम के दौरान उनके पैर में फैक्चर हो गया था जिसके चलते वह अपने जूते के फीते नहीं बांध पा रहे थे, जिसके चलते 22 जनवरी के एक सरकारी कार्यक्रम के बाद महिला लिपिक ने जूते के फीते बंधवाने में उनकी मदद की। एसडीएम के जूते के फीते बांधने वाली महिला कर्मचारी उन्हीं के विभाग में लिपिक के पद पर तैनात है।