इंदौर। उच्च शिक्षामंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में बताया कि प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियां 15 सितंबर 2021 से विद्यार्थियों की भौतिक रूप से उपस्थिति के साथ प्रारंभ होंगी। उन्होंने बताया कि सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक तथा अशैक्षणिक स्टॉफ की शत-प्रतिशत उपस्थिति होगी। विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कक्षाओं का संचालन होगा।
शिक्षामंत्री डॉ. यादव ने बताया कि महाविद्यालय के शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टॉफ तथा विद्यार्थियों को कोविड-19 प्रथम डोज टीकाकरण का प्रमाण-पत्र जमा कराना अनिवार्य होगा। विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने की स्थिति में प्रत्येक स्तर पर कोविड-19 के सुरक्षा मानकों के आधार पर पृथक-पृथक समूह बनाकर प्रायोगिक एवं शैक्षणिक कार्यों को संपादित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधोसंरचना की उपलब्धता एवं स्थानीय परिस्थिति के परिपेक्ष्य में संबंधित संस्था प्रमुख निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन भी जारी रहेगा। शिक्षण संस्थाओं द्वारा ऑफलाइन एवं ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अलग-अलग समय-सारणी बनाए जाने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षामंत्री ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थाओं में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए ग्रंथालय भी प्रारंभ होंगे। केवल पंजीकृत विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जाएगा। ग्रंथालय में प्रवेश के पूर्व कर्मचारियों/विद्यार्थियों का कोविड प्रोटोकॉल के तहत शारीरिक तापमान, आवश्यक रूप से मास्क का इस्तेमाल, हाथों को सैनेटाइज़ करने तथा पुस्तकालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पुस्तकालय अध्ययन कक्ष में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ उपस्थिति होगी।
विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रावास और मैस भी प्रारंभ होंगे। छात्रावास चरणबद्ध रूप से प्रारंभ किए जाएंगे। प्रथम चरण में स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर के छात्रों के लिए छात्रावास खोले जाएंगे। छात्रावास परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन एवं सभी विद्यार्थी की थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाएगी।
किसी भी विद्यार्थी अथवा स्टॉफ में कोविड-19 के लक्षण प्रकट होने पर उसे तुरन्त आइसोलेशन के साथ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो यह सुनिश्चित होगा। छात्रावासों में राज्य हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय अस्पताल आदि के नंबर सूचना पटल पर प्रदर्शित किए जाएंगे। विद्यार्थियों के घोषणा-पत्र एवं माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति के आधार पर ही विद्यार्थी को छात्रावास की सुविधा उपलब्ध होगी।