भोपाल। सेना में भर्ती को लेकर मोदी सरकार की नई योजना अग्निपथ के विरोध की आग अब मध्यप्रदेश भी पहुंच गई है। ग्वालियर-चंबल के मुख्यालय माने जाने ग्वालियर में आज गोले का मंदिर इलाके में सैकड़ों की संख्या में सेना भर्ती की तैयार करने वाले प्रतिभागी सड़क पर उतर आए और उन्होंने चक्काजाम कर अग्निपथ योजना का विरोध किया है। वहीं गुस्साएं छात्रों ने सड़क पर टायर में आग लगाकर अपना विरोध प्रदर्शन करने के साथ पथराव भी किया। पथवार में कई गड़ियों को नुकसान पहुंचने के साथ राहगीरों को भी चोट आई है। प्रतिभागियों के बवाल के बाद गोले का मंदिर इलाके में बड़ी संख्या में ंपुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और पुलिस बल के फ्लैग मार्च की भी खबरें आ रही है।
ग्वालियर में विरोध क्यों?- अग्निपथ योजना का ग्वालियर में विरोध होने का बड़ा कारण ग्वालियर-चंबल से बड़ी संख्या में युवाओं का सेना में भर्ती होने के लिए सालों से तैयारी करना है। बीते दो साल में कोरोना के चलते सेना में भर्ती नहीं होने से युवा पहले से ही आक्रोशित थे ऐसे में सरकार की अग्निपथ योजना से उनका गुस्सा फूट पड़ा और वह सड़क पर उतर आए। ग्वालियर चंबल अंचल के भिंड, मुरैना, ग्वालियर से बड़ी संख्या में युवा आज भी सेना में है।
अग्निपथ है या अग्निकुंड?-वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने योजना पर सवाल उठाते हुए कहा यह अग्निपथ है या अग्निकुंड। कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लिखा कि देश की सुरक्षा शासन का पहला दायित्व है और इसमें सेना की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण और अग्रणी है। देश की सेवा और सुरक्षा के लिए भारत की सेना में भर्ती की पिछले 70 साल की व्यवस्था सैनिक रिटायरमेंट तक या 14 साल तक देश की सेवा और सुरक्षा करे, भरपूर वेतन और सम्मानजनक रोजगार पाए, फिर सुरक्षित भविष्य के साथ घर जाए।
वहीं रोजगार बढ़ाने के दिखावे की सेना भर्ती की नई व्यवस्था केवल 4 साल अल्प वेतन देने वाली "शॉर्ट टर्म" सैनिक भर्ती व्यवस्था और फिर घर जाइए। बेरोजगार युवाओं से धोखा, देश के गौरव हमारे सैनिकों, जो प्रशिक्षित, सुसज्जित और योग्यता से परिपूर्ण होते हैं, की देश सेवा और जज़्बे का ऐसा कम मूल्यांकन और उससे भी महत्वपूर्ण, हमारे देश की रक्षा के लिए शॉर्ट टर्म सोच और योजना? अब क्या ऐसी "टेंपरेरी अप्रोच" से भारत भूमि की रक्षा होगी और ऐसे भारत माता के सम्मान की सुरक्षा होगी? असली राष्ट्रभक्ति सामने आ रही है ?