भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन की 'आयुष्मान भारत' योजना 15 अगस्त से लागू होगी। इस योजना में सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना (एसईसीसी) के आधार पर वंचित श्रेणी के 84 लाख परिवारों को शामिल किया गया है।
इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के परिवारों और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के पात्रता पर्ची वाले सभी परिवारों को भी दिया जाएगा। योजना में शामिल परिवारों को प्रति परिवार 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध करवाया जाएगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार योजना का लाभ शासकीय और निजी चिकित्सालयों के माध्यम से कैशलेस रूप में दिया जाएगा। इससे शासकीय अस्पतालों को उन्नत किया जा सकेगा और निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की उपलब्धता भी बढ़ेगी। योजना के लागू होने पर प्रदेश के नागरिकों पर उपचार के आउट ऑफ पॉकेट खर्च में भी कमी आएगी।
प्रदेश में असंगठित श्रेणी के मजदूरों के लगभग 20 लाख परिवार हैं। पात्रता पर्ची वाले ऐसे परिवार, जो एसईसीसी के आधार पर वंचित श्रेणी में शामिल नहीं हैं, उनकी संख्या लगभग 34 लाख है। इस प्रकार लगभग 1 करोड़ 37 लाख परिवारों के लगभग 5.50 करोड़ से अधिक सदस्यों को इस योजना में स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध होगा।
योजना में प्रति परिवार 1,200 रुपए की दर से कुल 1,648 करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान है। एसईसीसी के 84 लाख परिवारों के लिए 600 करोड़ रुपए की ग्रांट-इन-एड भारत सरकार के केंद्रांश के रूप में प्राप्त होगी और 400 करोड़ राज्यांश देना होगा। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के परिवारों और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम में पात्रता पर्ची वाले परिवारों को योजना का लाभ देने पर लगभग 648 करोड़ का अतिरिक्त व्यय होगा, जो प्रदेश सरकार वहन करेगी। (वार्ता)