भोपाल। मध्यप्रदेश में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व और जबलपुर के भेड़ाघाट-लम्हेटा घाट को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल किया गया है। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए यह गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने पूरे देश से भेजे थे 9 नामांकन भेजे थे। इनमें मध्यप्रदेश का प्रसिद्ध भेड़ाघाट-लम्हेटा घाट और नर्मदा-सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरीटेज सूची में शामिल किया गया है।
प्रमुख सचिव पर्यटन शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि अब मध्यप्रदेश ऐसा राज्य बन गया है, जहां से दो स्थलों को यूनेस्को विश्व धरोहरों की प्राकृतिक श्रेणी की संभावित सूची में शामिल किया गया है। अगले चरण में इन स्थलों का नॉमिनेशन डॉजियर यूनेस्को द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि संभावित स्थलों की सूची में विशिष्ट विशेषताओं वाले स्थलों को ही शामिल किया जाता है।
शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने सतपुड़ा टाईगर रिजर्व एवं भेड़ाघाट-लम्हेटा घाट को यूनेस्को की विश्व धरोहरों की संभावित सूची में सम्मिलित करने का प्रस्ताव डायरेक्टर जनरल एएसआई, भारत सरकार को 9 अप्रैल को प्रेषित किया था। एएसआई यूनेस्को को उक्त प्रस्ताव प्रेषित करने के लिए नोडल विभाग है।
शुक्ला ने बताया कि इस उपलब्धि में मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड, वन विभाग और वाइल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूट देहरादून का विशेष योगदान रहा। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने मध्यप्रदेश में संभावित स्थलों की पहचान एवं उनकी विशेषताओं के आधार पर उत्कृष्ट स्थलों के चयन का कार्य देहरादून स्थित डब्ल्यूआईआई कैटेगरी-2 सेंटर को सौंपा था। लगभग 1 वर्ष में एनालाइसिस और फील्ड वर्क के दौरान ऐसे स्थलों की पहचान की गई तथा तथ्यों के अन्वेषण के साथ तीन महत्वपूर्ण कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं।
पहली कार्यशाला भोपाल में, दूसरी कार्यशाला ऋषिकेश में और तीसरी कार्यशाला पचमढ़ी में आयोजित की गई। राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला में पर्यटन एवं वन विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ वन, पर्यटन एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी सम्मिलित हुए। उल्लेखनीय है कि भेड़ाघाट जबलपुर जिले में नर्मदा किनारे स्थित है। यहां नर्मदा संगमरमरी वादियों के बीच बहती है। यहां का दृश्य अनुपम सौन्दर्य लिए होता है।
(photo : MP Tourism)