भोपाल। राजधानी भोपाल के खटलापुरा में गणपति विसर्जन के दौरान नाव पलटने से एकसाथ 11 घरों के चिराग बुझ गए हैं। इस दर्दनाक हादसे में जिन 11 युवकों की मौत हुई है, उसमें 14 साल का मासूम परवेज खान भी शामिल था। गंगा-जमुनी तहजीब का संदेश देने वाले परवेज मुस्लिम होते हुए भी गणेश उत्सव समिति का सक्रिय सदस्य था।
'वेबदुनिया' से बातचीत में मृतक परवेज की मां बताती हैं कि मात्र 4 साल की उम्र से ही परवेज को हिन्दू धर्म के प्रति विशेष लगाव हो गया था जिसके चलते वह मोहल्ले में बैठने वाली गणेश प्रतिमा और दुर्गा प्रतिमा दोनों में सक्रिय रूप से भागीदारी किया करता था।
हर साल की तरह इस बार भी परवेज 10 दिनों तक गणेश पूजा में शामिल हुआ था। अपने बेटे को याद करती हुईं परवेज की मां कहती हैं कि परवेज ने विसर्जन में जाने से पहले उनसे अगरबत्ती के लिए 10 रुपए मांगे थे। इसके साथ ही वे कहती हैं कि मना करने पर परवेज ने कहा कि इस बार वह आखिरी बार पूजा के लिए पैसा मांग रहा है। परवेज जब छोटा था तभी उसके सिर पर से पिता का साया उठ गया।
अपने लाड़ले भाई को याद करते हुए परवेज की बहन कहती हैं कि उसके भाई को गणेश आरती समेत हिन्दू धर्म के सभी मंत्र बखूबी याद थे। भाई की याद में बिलख रही बहन के मुताबिक गणपति विसर्जन में जाने से पहले परवेज ने उससे चाय बनाने को कहा था। बहन के मना करने पर परवेज खुद चाय बनाकर गया था।
परवेज का घर उस स्थान से चंद कदम की दूरी पर ही है, जहां पर भव्य तरीके से हर साल गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है। मोहल्ले के लोग बताते हैं कि गणपति पूजा के दौरान परवेज पूरे समय पूजा पंडाल में ही रहता था और कभी-कभी तो रात में वह वहीं पर सो भी जाता था।
इस दर्दनाक हादसे में एकसाथ एक ही मोहल्ले के 11 चिराग तो बुझ ही गए लेकिन उसमें एक 'चिराग' ऐसा भी था तो गंगा-जमुनी तहजीब को रोशन करने वाला था।