भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में वोटर्स को लुभाने में भाजपा और कांग्रेस लगातार चुनावी वादे करने के साथ अब यूथ वोर्ट पर अपना फोकस कर दिया है। प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर 64 हजार 100 बूथों पर नए वोटर्स को पार्टी से जोड़ने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने पूरा फोकस कर दिया है।
यूथ बनेंगे किंगमेकर?-नवंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अगर सियासी दल किसी वर्ग के वोटरों की सबसे अधिक पूछ-परख कर रहे है तो वे हैं युवा वोटर्स। इस बार विधानसभा चुनाव में युवा वोटर्स किंगमेकर बन सकते है। वहीं मध्यप्रदेश में 18 साल के 12 लाख से ज्यादा ऐसे वोटर्स है जो विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने वोट कर प्रयोग करेंगे। इसके साथ ही अलावा 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या 2.83 करोड़ से ज्यादा है। इनकी संख्या कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 39 लाख 87 हजार का करीब 52 प्रतिशत है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले युवा वोटर्स को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस पूरी तरह जुट गई है।
युवाओं पर भाजपा-कांग्रेस का फोकस-विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने युवा वोटर्स को पार्टी से जोड़ने के लिए मिशन मोड पर काम शुरु किया है। पार्टी हर बूथ पर युवा वोटर्स को पार्टी से जोड़ने का काम कर रही है। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार कहते हैं कि युवा मोर्चा नए वोटर्स को पार्टी से जोड़ने का काम कर रही है और रिकॉर्ड संख्या में युवा वोटर्स को पार्टी से जोड़कर एक कीर्तिमान बनाएगा। आज से प्रदेश में वोटर्स के नए नाम जोड़ने के निर्वाचन आयोग के अभियान में भाजपा हर विधानसभा में 2 से 3 हजार नए वोटर्स को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य जिला अध्यक्ष और विधानसभा सभा प्रभारियों को दिया।
वहीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर युवा वोटर्स को साधने के लिए कांग्रेस की यूथ विंग सक्रिय है। पार्टी की छात्रा ईकाई NSUI और युवा कांग्रेस यूथ वोटर्स को पार्टी से जोड़ने के लिए कॉलेज में कैंप कर युवा वोटर्स से संपर्क कर रही है। चुनाव से पार्टी की यूथ विंग 15 लाख युवाओं से संपर्क करेगी।
युवा वोटर्स बनेंगे विनिंग फैक्टर?-साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार सूबे में करीब साढ़े पांच करोड़ का वोटर अपने मतों का प्रयोग करेंगे। इनमें यूथ वोटर्स (18 से 39 साल) की संख्या 2.83 करोड़ से अधिक है। अगर 2018 के चुनाव नतीजों को देखा जाए तो भाजपा औऱ कांग्रेस के बीच वोट फीसदी में सिर्फ एक फीसदी का अंतर था, ऐसे में इस बार भी सरकार बनाने में युवा वोटर्स अपनी निर्णायक भूमिका अदा करेंगे। प्रदेश में 12 लाख से अधिक युवा वोटर्स पहली बार अपने मत का प्रयोग करेंगे।
अगर बात करें वोटों के चुनावी गणित की तो चुनाव में सत्ता हासिल करने वाली पार्टी और उसको कड़ी टक्कर देने वाली पार्टी के बीच मतों का अंतर इस बार फिर एक से तीन फीसदी के बीच रहने का अनुमान है। ऐसे में प्रदेश का युवा वोटर्स इस बार विनिंग फैक्टर का काम कर सकता है।
नए वोटर्स को जोड़ने के लिए विशेष अभियान-विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में नए नाम जोड़ने के लिए आज से पूरे प्रदेश में निर्वाचन आयोग की ओर से अभियान शुरु हो रहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन के मुताबिक भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेश में द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2023 की गतिविधियां 2 अगस्त से शुरू हो रही है।
आज से से 31 अगस्त तक बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहकर मतदाताओं के नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन लेंगे। अभियान के तहत 3 अगस्त से 10 अगस्त तक सेक्टर अधिकारी बीएलओ और मतदाताओं की उपस्थिति में मतदाता सूची का परीक्षण करेंगे। एक घर में छह से अधिक मतदाता होने पर सेक्टर अधिकारी द्वारा उनका भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
वोटर लिस्ट में नए नाम जोड़ने के लिए शनिवार एवं रविवार को विशेष शिविर लगाए जाएंगे। यह शिविर 12, 13 और 19 एवं 20 अगस्त को लगाएं जाएंगे। इस दौरान समस्त बीएलओ अपने-अपने क्षेत्र में फॉर्म 6, 7 और 8 का आवेदन प्राप्त करेंगे।
अभियान के तहत 1 अक्टूबर 2023 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर रहे युवाओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए अग्रिम रूप से आवेदन लिए जाएंगे। आगामी 31 अगस्त तक प्राप्त हुए आवेदनों का निराकरण 22 सितंबर 2023 तक किया जाएगा। चार अक्टूबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।