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महापौर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए भाजपा चुनाव समिति की बैठक में मैराथन मंथन, नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी

हमें फॉलो करें महापौर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए भाजपा चुनाव समिति की बैठक में मैराथन मंथन, नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी

विकास सिंह

, शनिवार, 11 जून 2022 (21:50 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में 16 नगर निगम में 2 चरणों में होने वाले चुनाव को लेकर शनिवार से नामांकन प्रक्रिया शुरु हो गई है। 16 नगर निगम के लिए कांग्रेस ने 15 निगमों के लिए अपने महापौर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। भाजपा में अब भी महापौर के दावेदारों को लेकर मंथन चल रहा है।

महापौर के टिकट को लेकर पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी चुनाव समिति बैठक हुई जिसमें उम्मदीवारों के नामों पर चर्चा हुई। चुनाव समिति की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य नेता मौजूद है। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े।
 
भोपाल में आ सकता है नया चेहरा : भोपाल में महापौर पद ओबीसी महिला पद के लिए आरक्षित है। भाजपा भोपाल महापौर पद के लिए किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। जिसका इशारा खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने भोपाल दौरे के दौरान कर गए थे। भाजपा अध्यक्ष ने साफ कहा कि पार्टी जमीनी कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतरेगी।
 
महापौर की टिकट की दौड़ में ओबीसी वर्ग से आने वाली मालती राय का नाम भी महापौर प्रत्याशी की दौड़ में सबसे आगे है। मालती राय पार्टी की जमीनी कार्यकर्ता है और ग्राउंड लेवल पर सक्रिय है। मालती राय के नाम को लेकर भोपाल जिले के विधायक भी एकमत है। वहीं महापौर की दौड़ में भाजपा की ओर से दूसरा नाम पार्टी की वरिष्ठ नेता राजो मालवीय का है। राजो मालवीय भाजपा के टिकट से पहले भी चुनाव लड़ चुकी है।
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इंदौर में पुष्यमित्र भार्गव का नाम आगे : इंदौर में कांग्रेस की तरफ संजय शुक्ला को उम्मीदवार बनाए जाने से भाजपा की मुश्किलों थोड़ा बढ़ गई है। इंदौर में ब्राह्मणों के लगभग 4 लाख वोटर है ऐसे में भाजपा पर किसी बाह्मण चेहरे को चुनावी मैदान में उतारने का दबाव बढ़ गया है। महापौर की दौड़ इंदौर से पुष्यमित्र भार्गव का नाम सबसे आगे है। प्रवक्ता उमेश शर्मा के साथ डॉक्टर निशांत खरे महापौर की दौड़ में सबसे आगे है।

पिछले दिनों इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा कह चुके हैं कि इंदौर में भाजपा का महापौर उम्मीदवार भविष्य के इंदौर की कल्पना को साकार करने वाला होगा। डॉक्टर निशांत खरे कोरोना काल में अपने कामों के चलते काफी चर्चा में थे और उनके कामों की सराहना खुद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सार्वजनिक मंचों पर की थी। 
 
टिकट बंटवारे में पार्टी की गाइडलाइन-नगर निगम में महापौर उम्मीदवारों के नामों को लेकर भाजपा की सबसे बड़ी समस्या उसकी अपनी ही गाइडलाइन है। पिछले दिनों भोपाल आए पार्टी के राष्ट्रीय जेपी नड्डा साफ कर चुके है कि पार्टी निकाय चुनाव में परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देगी।

इसके साथ ही भाजपा में ‘एक व्यक्ति-एक पद’ के फॉर्मूले के तहत सांसद विधायकों की मेयर पद के लिए दावेदारी भी संकट में पड़ गई है। भोपाल और इंदौर में महापौर के लिए भाजपा की ओर से जो भी दावेदार सामने आ रहे है वे वर्तमान में पार्टी में पहले से किसी पद पर हैं ऐसे में उनकी दावेदारी खतरे में पड़ गई है और वे टिकट की दौड़ से बाहर हो गए हैं।

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