Madhya Pradesh road news : सीधी से भाजपा सांसद डॉक्टर राजेश सिंह ने सड़क निर्माण के बारे में एक विवादित बयान दिया है। यूट्यूबर लीला साहू गर्भवती है। उन्होंने अपने गांव में 10 किलोमीट लंबी सड़क की मांग करते हुए कहा था कि उनका प्रसव होना है इसलिए आने जाने में असुविधा होती है। इसे ध्यान में रखते हुए सड़क निर्माण कराया जाना चाहिए। इसके जवाब में भाजपा सांसद ने कहा कि डिलेवरी की एक्सपेक्टेड डेट होती है, उसके पहले हम उठवा लेंगे।
गर्भवती महिला की सड़क निर्माण संबंधी मांग पर भाजपा सांसद ने कहा कि गांव में बहुत सी महिलाएं होंगी जिनकी डिलीवरी हुई होगी, आजतक कोई ऐसी घटना हुई क्या। आज मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार है और जरूरत पड़े तो मरीज को एयरलिफ्ट करके ले जाते हैं और उसका इलाज करवाते हैं। किसी को इंटरनेट मीडिया पर छाना है तो छाने के लिए क्या कुछ भी कर सकते हो। ऐसे तो हर कोई करेगा।
उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण की एक प्रक्रिया होती है। इसे लेकर संबंधित विभाग में बात की जा रही है। रही बात गर्भवती महिलाओं की तो प्रसव की डेट फिक्स रहती है। हम उन्हें समय से पहले भर्ती कराने की व्यवस्था करेंगे। इसके लिए हमारी सरकार सक्षम है।
इस बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, जब सीधी में लीला साहू ने गांव में सड़क न होने पर वीडियो बनाकर सरकार से कहा : सड़क बना दो, डिलिवरी तक पैदल नहीं चल सकती! तो उम्मीद थी कि सिस्टम जागेगा! लेकिन जवाब में सांसद राजेश मिश्रा ने जो कहा, वो शर्मनाक है: 'चिंता मत करो, डिलिवरी डेट बताओ..हफ्ता पहले उठा लेंगे!' सड़क तो नहीं बनी, संवेदना भी मर गई!
गौरतलब है कि लीला साहू की मांग पर मध्यप्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने भी कहा था कि जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे भी रहेंगे। उन्होंने इस बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका मतलब यह नहीं है कि हर सड़क में हमेशा गड्ढे रहेंगे, बल्कि उनका आशय यह है कि सड़कों की एक निश्चित आयु होती है और उस आयु के करीब आने पर या कुछ विशेष परिस्थितियों में गड्ढे हो सकते हैं।
उनके अनुसार, अगर कोई सड़क जिसकी अनुमानित आयु पांच साल है, वह चार साल बाद गड्ढेदार हो जाती है, तो यह सामान्य बात है। लेकिन, अगर चार साल की आयु वाली सड़क छह महीने में ही गड्ढेदार हो जाए, तो यह गलत है और इसकी जांच होनी चाहिए।
edited by : Nrapendra Gupta
photo source : Social Media