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अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा की जीत, अंतिम राउंड की काउंटिंग में कमलेश शाह ने पलटी बाजी

हमें फॉलो करें अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा की जीत, अंतिम राउंड की काउंटिंग में कमलेश शाह ने पलटी बाजी

विकास सिंह

, शनिवार, 13 जुलाई 2024 (14:25 IST)
भोपाल। अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल कर ली है। कांटे के मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह ने कांग्रेस प्रत्याशी धीरेन शाह को 3200 से अधिक वोटों से हराया। 20 राउंड चली मतगणना के दौरान भाजपा और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला देखने को मिला।

पहले कुछ राउंड की काउंटिग के दौरान जहां भाजपा उम्मीदवार कमलेश शाह बढ़त बनाते हुए दिखाई दिए वहीं इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी धीरेन शाह ने बढ़त बनाई। हलांकि बाद के तीन राउंड की काउंटिग में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह ने निर्णायक बढ़त बनाते हुए सीट पर अपना कब्जा कर लिया। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के देव रावेन भलावी ने 25 हजार से अधिक वोट हासिल कर भाजपा और कांग्रेस दोनों को चौंका दिया।

काउंटिग के दौरान कांग्रेस का प्रदर्शन-अमरवाड़ा विधानसभा की अंतिम दौर की काउंटिंग के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप था कि प्रशासन ने अंतिम दौर की काउंटिग के नतीजे सार्वजनिक नहीं किए और चुनाव में गड़बड़ी की आंशका जताई.

अमरवाड़ा में थी प्रतिष्ठा की लड़ाई-अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रतिष्ठा दांव पर थी। भाजपा के कमलेश शाह और कांग्रेस प्रत्याशी धीरेन शाह के जहां सीधा मुकाबला था, वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के देव रावेन भलावी ने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया था।

गौरतलब है कि 2023 में अमरवाड़ा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते कमलेश शाह के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल होने और विधायकी पद से इस्तीफा देने के बाद अमरवाड़ा में उपचुनाव हुआ। भाजपा ने कमलेश शाह को जहां अपना प्रत्याशी बनाया, वहीं कांग्रेस ने आदिवासियों के बीच गहरी पैठ रखने वाले धीरेन शाह को प्रत्याशी बनाया था।

गौड़वाना समाज से आने वाले कमलेश शाह अमरवाड़ा विधानसभा सीट से 2013 में पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2018 और 2023 में भी वह कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे, वहीं अब वह दलबदल के बाद भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में है। वहीं कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे आंचलकुंड दरबार के सेवक सुखराम दादा के पुत्र धीरेन शाह इनावती का आदिवासी समाज पर काफी प्रभाव माना जाता है।

 

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