Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जातियों के टकराव में फंसा विजयपुर उपचुनाव, वोटर्स को रिझाने उतरे समाज के दिग्गज नेता

Advertiesment
हमें फॉलो करें Vijaypur by-election

भोपाल ब्यूरो

, शनिवार, 9 नवंबर 2024 (12:30 IST)
विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में अब पूरी सियासी लड़ाई जातीय समीकरणों पर आकर टिक गई है। कांटे के मुकाबले वाले उपचुनाव में अब सियासी दलों ने पूरी ताकत जातियों को साधने में झोंक दी है। भाजपा और कांग्रेस ने जातियों को साधने के लिए उसी जाति के नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया है। विजयपुर का चुनावी मुकाबला कितना दिलचस्प है इसको इससे समझा जा सकता है कि भाजपा की ओर से स्वयं मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने बागडोर संभाली हुई है, वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी मोर्चा संभाले हुए हैं।

विजयपुर का जातिगत समीकरण- श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा में कुल वोटरों की संख्या 2 लाख 54 हजार  हैं,जिसमें सबसे आधिक आदिवासी वोटरों की संख्या 60 हजार है। वहीं कुशवाह वोटरों की संख्या 32 हजार और जाटव वोटरों की संख्या 35 हजार के आसपास है। इसके साथ रावत समाज के वोटरों की संख्या 17 हजार, गुर्जर और धाकड़ 15-15 हजार, वैश्य, यादव 8-8 हजार, मुस्लिम 5 हजार, राठोर, नाई, मोगिया, बघेले 4-4 हजार, क्षत्रिय, भोई, प्रजापति, मल्लाह 3-3 हजार के आसपास हैं।

आदिवासी वोटरों का क्या होगा रूख?-विजयपुर उपचुनाव में आदिवासी वोटरों की संख्या 60 हजार से अधिक है औऱ उनका रूख सीट का परिणाम तय करेगा, इसलिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस वोट बैंक को साधने में जुट गई है। कांग्रेस ने जहां सहरिया आदिवासी वर्ग से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को प्रत्याशी बनाया है तो भाजपा ने आदिवासी वोटरों को साधने के लिए पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी को सहरिया विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) बनाकर इस वोट वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है। वहीं आदिवासी वर्ग में भील-भिलाला और पटेलिया जातियों को साधने के लिए कांग्रेस ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे विक्रांत भूरिया की सभाएं कराई है तो भाजपा ने अपने आदिवासी चेहरे कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया की कई सभाएं करा चुकी है।

कुशवाह और जाटव वोटर्स गेमचेंजर-विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में इस बार कुशवाह और जाटव समाज का वोटर्स गेमचेंजर साबित होने जा रहा है। भाजपा ने जहां विजयपुर से रावत समाज से आने वाले रामनिवास रावत को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने आदिवासी कार्ड खेलते हुए सहारिया जाति से आने मुकेश मल्होत्रा को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं जाटव और कुशवाह समाज का कोई चेहरा चुनावी मैदान में नहीं है। ऐसे में कुशवाह औऱ जाटव समाज का 65 हजार से अधिक वोटरों रुख ही तय करेगा कि विजयपुर उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस किसकी जीत होगी।

विजयपुर उपचुनाव में कुशवाह और जाटव वोटरों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने बड़े चेहरों को उतार दिया है। भाजपा ने ग्वालियर सांसद और कुशवाह समाज के अपने बड़े नेता भारत सिंह कुशवाह को कुशवाह समाज को साधने के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया है। भारत सिंह कुशवाह लगातार कुशवाह समाज के प्रभाव वाले इलाकों में नुक्कड़ और चौपाल बैठक कर पूरे समाज को साध रहे है। भारत सिंह कुशवाह एक दिन में 8-10 चुनावी कार्यक्रम कर पूरे समाज को साध रहे है। वहीं जाटव समाज को साधने की जिम्मेदारी भाजपा ने पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को दी है। लाल सिंह आर्य जाटव बाहुल्य इलाकों में सभा कर पूरे समाज को साध रहे है।

वहीं कांग्रेस ने कुशवाह वोटरों को साधने के लिए पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह और सबलगढ़ के पूर्व विधायक बैजनाथ कुशवाह को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके साथ ही कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक विधायक लगातार विजयपुर में डेरा डाले हुए है और पूरी चुनावी रणनीति तैयार कर रहे है।

इसके साथ ही भाजपा ने विधानसभा क्षेत्र के 15 हजार धाकड़ वोटर्स को साधने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा करवा चुकी है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ब्राहाम्ण वोटरों को साधने के लिए अलग से बैठक कर चुके है तो कांग्रेस की ओर से उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे मोर्चा संभाल हुए है। उपचुनाव में रावत समाज के वोटरों की संख्या 17 हजार के आसपास है जो भाजपा उम्मीदवार रामनिवास रावत के साथ जा सकता है। वहीं 15 हजार गुर्जर वोटरों के साधने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की संभा कराई तो भाजपा ने गुर्जर वोटरों को साधने की जिम्मेदारी कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना को दी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पुणे में फिर चर्चा में आया पोर्श हिट एंड रन केस, NCP MLA का शरद पवार को नोटिस