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दमोह के फर्जी डॉक्टर मामले में सीएम मोहन यादव सख्त, पुलिस ने दर्ज की FIR, कांग्रेस ने उठाए सवाल

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विकास सिंह

, सोमवार, 7 अप्रैल 2025 (15:24 IST)
मध्यप्रदेश के दमोह में लंदन की फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट बनकर सात मरीजों का ऑपरेशन और उन सभी मरीजों की मौत मामले की घटना का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री ड़ॉ. मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार इस पूरे मामले पर सख्त है। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी सरकार को हुई, उस पर सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने देखा होगा कि ऐसी घटनाओं में हमारी सरकार ने लगातार भारत सरकार के साथ मिलकर काम किया है। अगर कोई कमी, गलती या तथ्य छिपाए गए हैं तो हमारी सरकार कार्रवाई करने में देरी नहीं करेगी।  इस तरह के मामलों में कठोर कार्रवाई के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट को निर्देश दिए हैं।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा- वहीं दमोह की घटना को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी सोशल मीडिया पर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि इस हत्यारे डॉक्टर को भाजपा ने प्रमोट किया। सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर लिखा एक भूरे भूरे बालों वाला शख्स था ट्विटर पर, नाम था प्रोफेसर N John Camm भूरे बाल, कैमरे के एंगल और थोड़े गोरे से दिखने पर आपको भी यही लगता था ना कि वो कोई अंग्रेज़ हैं?नहीं, वह नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है, यह ख़ुद को ब्रिटेन का फेसम डॉक्टर बताता थासोशल मीडिया पर ज़हर उगलना, विपक्ष के ख़िलाफ़ अनर्गल लिखने वाला मोदी भक्त है यह। लेकिन अब इसने जो किया वो अक्षम्य हैफ़र्ज़ी डॉक्टर बनकर इस आदमी ने मध्य  प्रदेश के दमोह में लोगों की हार्ट सर्जरी कर डाली - जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई। इस हत्यारे को BJP वालों ने खूब बढ़ाया, IT सेल वालों ने खूब हीरो बनाया, इसके ट्वीट वगैरह तो ख़ुद उप्र के मुख्यमंत्री योगी जी ने साझा किए - पर अब कुछ नहीं बोले रहे? इस आदमी का सारा सच जानते हुए, उसको डाक्टर बन कर इलाज करने की इजाज़त किसने दी? कौन है इन मौतों का ज़िम्मेदार - प्रोफेसर N John Camm उर्फ़ विक्रमादित्य या BJP?
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क्या है पूरा मामला?- गौरतलब है कि दमोह के मिशन अस्पताल में लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट बनकर आए  फर्जी डॉक्टर डॉ. नरेंद्र यादव ने हार्ट सर्जरी के नाम पर 15 मरीजों का इलाज किया, जिनमें से 7 की मौत हो चुकी है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी  डॉ. मुकेश जैन की शिकायत पर डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम, और दो अन्य के खिलाफ दमोहर कोतवाली थाने में रविवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई। डॉक्टर पर आरोप है कि उसने लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट एनजोन केम के नाम से फर्जी पहचान बनाकर मिशन अस्पताल में ऑपरेशन किए, जिससे 7 मरीजों की मौत हो गई।

वहीं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की एक टीम भी पूरे मामले की जांच के लिए  दमोह पहुंची है। आयोग ने मृत मरीजों के परिजनों के बयाान दमोह सर्किट हाउस में दर्ज किए है। मृतकों में शामिल रहीसा बेग के बेटे नबी बेग के मुतााबिक  मेरी मां को एंजियोप्लास्टी के 30 मिनट बाद ही मौत हो गई, लेकिन न रिपोर्ट दी गई और न जानकारी। बाद में पता चला कि डॉक्टर ही फर्जी था। इसी तरह मंगल सिंह के बेटे धर्मेंद्र और भतीजे सुमरत सिंह ने भी आरोप लगाए कि बिना अनुमति और जानकारी के ऑपरेशन कर दिया गया, और मौत को छुपाया गया।

अस्पताल प्रबंधन ने झड़ा पल्ला- वहीं पूरे मामले का खुलासा होने के बाद मिशन अस्पताल प्रबंधन ने पूरे मामले में  पल्ला झड़ा है। मिशन अस्पताल की प्रभारी प्रबंधक पुष्पा खरे के मुतााबिक  डॉक्टर की नियुक्ति सीधे अस्पताल द्वारा नहीं, बल्कि एक अधिकृत एजेंसी IWUS के माध्यम से हुई थी। जनवरी में डॉक्टर ने जॉइन किया और फरवरी में अचानक बिना सूचना छोड़कर चला गया।

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