भोपाल। राजधानी भोपाल से सटे प्रसिद्ध मां बिजासन धाम सलकनपुर में भव्य देवी लोक बनाने के लिए आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भव्य कार्यक्रम में भूमिपूजन किया। मां बिजासन के धाम में 211 करोड़ रुपए से अधिक लगात से तैयार होने वाले देवी लोक के भूमिपूजन को लेकर पूरा सलकनपुर भक्तिमय नजर आया। देवी लोक की आधारशिला रखने के अवसर पर चल रहे तीन दिवसीय लोक महोत्सव के आखिरी दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आधारशिला रखी।
कैसा होगा 200 करोड़ की लागत से बना देवी लोक?-200 करोड़ की अधिक लागत से तैयार होने वाले भव्य देवी लोक महोत्सव में हिंदू परंपराओं के साथ सांस्कृतिक विरासत के आधार पर तैयार किया जा रहा है।सलकनदेवी लोक बनाने के लिए देश के अन्य शक्तिपीठों से मिट्टी लाई जाएगी। इसके साथ मेरे घर की मिट्टी माँ के चरणों में अर्पित' करने और प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रत्येक घर से ईंट/शिला का संकलन किया गया। सम्पूर्ण देवी मंदिर परिसर को भव्य रूप देने के लिए डेकोरेटिव लाइट पोल, ऑडियो-वीडियो सिस्टम, एलईडी लगाई जाएगी, जिससे श्रद्धालु अलौकिक वातावरण में माता के दर्शन कर सकें।
-पहाड़ी के ऊपर मणिद्वीप की अवधारणा के आधार पर देवी लोक का निर्माण किया जाएगा। मणिद्वीप, आदिशक्ति का निवास माना जाता है।
-देवी लोक में 64 योगिनी और माता के 9 स्वरूपों की प्रतिमाएं स्थापित होंगी।
-64 योगिनियों के स्वयरूप को म्यू रल के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके स्वरूप को वृहद गोलाकार रूप में मध्ययप्रदेश के भेड़ाघाट और उड़ीसा के हीरापुर मंदिर से लिया गया है।
-मंदिर परिसर मार्ग पर नवदुर्गा कॉरीडोर विकसित किया जा रहा है। इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों को म्यूररल के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
-देवी लोक में मणिद्वीप के अंतर्गत चौंसठ योगिनी प्लावजा, फाउंटेन प्लाजा, पर्यटक सुविधा केंद्र विकसित किया जा रहा है।
-मंदिर के प्रवेश द्वार को सप्त्मातृका की थीम पर विकसित किया जाएगा। सप्तनमातृका का उल्लेयख मार्कंडेय पुराण,मत्य्रद पुराण तथा ऋवेद में भी वर्णित है।
-मंदिर परिसर का टेरिस महाविद्या थीम पर विकसित किया जा रहा है। दसों महाविद्याओं, शक्ति के प्रतीकों को प्रदर्शित किया जाएगा।
-दुर्गासप्तशती के श्लोकों का अंकन भी किया जाएगा।
बिजासन देवी आस्था का केंद्र-सीहोर स्थित माता विंध्यावासिनी का मंदिर बिजासन देवी सलकनपुर के नाम से प्राचीन धार्मिक स्थल है। बीजसन देवी को सिद्धशक्तिपीठ में से एक है। माँ बिजासन देवी मॉ दुर्गा का महिसासुरमर्दिनी अवतार है जिन्होने रक्ता बीज का वध करने के उपरांत इस स्थल में निवास किया है। यह स्थल स्वामी बह्मानंद की योग ध्यानस्थली भी रही है। नवरात्रि के पर्व पर काफी दूर-दूर के क्षेत्रों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते है। माँ बिजासेन देवी आस-पास के स्थान में श्रद्धालुओं की कुलदेवी भी है। सलकनपुर के आस-पास परमार कालीन मंदिर के अवशेष,सारू-मारू की बौद्ध गुफाएं, गिनौरगढ़ का किला, मॉं नर्मदा का तट आंवली घाट तथा अन्य कई प्राचीन पुरातात्विक एवं धार्मिक महत्व के स्थल स्थित है।