मध्यप्रदेश सरकार के 17 धार्मिक स्थलों पर शराब की दुकानें बंद करने के फैसले के दो दिन बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार शराबबंदी के लिए नागरिकों को जागरूक कर रही है और इस अभियान की कामयाबी के लिए समाज के प्रयास भी जरूरी हैं।
मुख्यमंत्री ने देश के 76वें गणतंत्र दिवस पर इंदौर के नेहरू स्टेडियम में राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराकर रस्मी परेड की सलामी ली। उन्होंने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि सूबे के नागरिकों को मद्य निषेध के लिए जागरूक किया जा रहा है और इस काम में समाज व सरकार के साझे प्रयासों से ही सफलता मिल सकती है।
यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने साधु-संतों और सामाजिक संगठनों के सुझावों पर प्रदेश के धार्मिक नगरों में शराब की दुकानें बंद करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा,प्रदेश में नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर शराबबंदी पहले की तरह लागू रहेगी। यादव की अगुवाई में महेश्वर में 24 जनवरी को संपन्न मंत्रिमंडल की बैठक में सूबे के धार्मिक नगरों में शराब की दुकानें बंद करने का निर्णय किया गया था।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की अलग-अलग उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश विकसित राज्य के रूप में पहचान बना रहा है और निवेश के लिए देश का आकर्षक सूबा बन गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 2025 को उद्योग और रोजगार वर्ष घोषित किया है। यादव ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर संपन्न सात क्षेत्रीय औद्योगिक सम्मेलनों और देश-दुनिया के प्रमुख शहरों में आयोजित कार्यक्रमों से राज्य सरकार को 4.17 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों के मूर्त रूप लेने पर चार लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर डॉ. बीआर आंबेडकर को याद करते हुए कहा कि देश का संविधान बनाने में उनकी अविस्मरणीय भूमिका रही है। यादव ने कहा कि देश का संविधान नागरिकों को गौरव और स्वाभिमान के साथ उनके कर्तव्यों और अधिकारों का बोध भी कराता है। आंबेडकर ने ब्रितानी राज के सैन्य अफसर रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की संतान के रूप में 14 अप्रैल 1891 को इंदौर के पास महू के काली पलटन इलाके में जन्म लिया था।