भोपाल। ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान देने वाले मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है एक ओर जहां इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। वहीं विजय शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है।
शुक्रवार को मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर मंत्री विजय शाह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। वहीं मंत्री विजय शाह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक काले एप्रेन में राजभवन के बाहर धरने पर बैठ गए।
राजभवन के बाहर धरने पर बैठे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि जब तक मंत्री विजय शाह का इस्तीफा नहीं होगा, तब तक वह सभी विधायकों के साथ धरने पर बैठे रहेंगे। वहीं कांग्रेस विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि मंत्री विजय शाह का बयान देशद्रोह के श्रेणी में आता है, इसलिए उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल के बर्खास्त करना चहाए। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि सरकार मंत्री विजय शाह को बचा रही है।
मंत्री विजय शाह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई- वहीं जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मंत्री विजय शाह की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। गौरतलब है कि कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान को लेकर बुधवार को जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंत्री विजय शाह के खिलाफ इंदौर के मानपुर में एफआईआर दर्ज हुई थी। वहीं गुरुरवार को भी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मंत्री विजय शाह के साथ सरकार को फटकार लगी। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने विजय शाह मामले में सुनवाई करते हुए अपने आदेश में लिखा है कि हमें पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली और नियत पर संदेह है।
कोर्ट ने स्पष्ट लिखा है कि FIR इस तरह लिखी गई है जिससे बाद में विजय शाह को FIR क्वैश कराने में आसानी हो। FIR में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अपराध का कोई उल्लेख ही नहीं है बल्कि सिर्फ़ 14/05/2025 के कोर्ट ऑर्डर को कॉपी -पेस्ट कर महज़ खाना पूर्ति कर दी गई है। अपनी निराशा जताते हुए युगल पीठ ने FIR में भी संशोधन करवाया है और जाँच की मॉनिटरिंग सीधे अपने पास रख ली है।
हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट ने जिन धाराओं को उल्लेख किया, उससे FIR में शामिल नहीं किया गया, इसलिए उन धारओं को शामिल कर फिर से FIR दर्ज की जाए। वहीं हाईकोर्ट ने पूरे मामले में पुलिस की जांच की निगरानी करने की बात कही जिससे जांच किसी दबाव से प्रभावित नहीं हो।
क्या है पूरा विवाद?- पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाले कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह ने विवादित बयान दिया था। सोमवार को इंदौर के महू के रामकुंडा गांव में एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री विजय शाह ने कहा कि जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, उन्हीं कटे-पिटे लोगों को उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई। इसके साथ मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर क्रेडिट पीएम मोदी को देते हुए कहा कि अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते थे, इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा। तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन पहुंचकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का सम्मान...मान सम्मान...हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारे समाज की बहन को पाकिस्तान भेजकर कोई ले सकता है तो...।
मंत्री के कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान पर बवाल मचने के बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने मंत्री विजय शाह के बयान के स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह पर fir दर्ज करने के आदेश दिए है। जबलपुर हाईकोर्ट की डबल बेंच पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के डीजीपी को मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए, जिसके बाद बुधवार रात इंदौर के मानपुर थाने में मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज हुई।