लोक कला संस्कृति के प्रसार में मालवा उत्सव का विशेष महत्व : डॉ. मोहन यादव
उज्जैन महाकाल लोक में ठोस पत्थर की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं
इंदौर। लोक कला और संस्कृति के व्यापक प्रसार में मालवा उत्सव का विशेष महत्व है। मालवा उत्सव को और विस्तार दिया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गत दिवस इंदौर में आयोजित मालवा उत्सव में कही। डॉ. यादव ने कहा कि मालवा की कला और संस्कृति का दुनियाभर में व्यापक प्रसार हो, इसके लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कला और संस्कृति से एक से दूसरे देश को तथा मानव सभ्यता को जोड़ने में विशेष महत्व रहता है। मां अहिल्या द्वारा स्थापित संस्कृति की ध्वज पताका आज भी फहरा रही है। उन्होंने कहा कि उज्जैन महाकाल लोक में ठोस पत्थर की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं।
गणमान्य अतिथि थे मौजूद : कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, मालिनी गोड़, उषा ठाकुर, सावन सोनकर, सांसद शंकर ललवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, गौरव रणदिवे, पुलिस कमिश्नर राजेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह सहित गणमान्यजन उपस्थित थे। श्री देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती समारोह अंतर्गत 23वें मालवा उत्सव का आयोजन लोक संस्कृति मंच द्वारा लालबाग पैलेस में आयोजित हुआ।
इन कलाकारों ने दीं प्रस्तुतियां : कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के लोक संस्कृति दलों द्वारा नृत्य की प्रस्तुति दी गई। दलों में इंदौर से श्रुति शर्मा, अभ्यास कला केंद्र के कलाकारों ने मेघा शर्मा के मार्गदर्शन में कला प्रस्तुति दी| कार्यक्रम में नव्या चौरसिया ने कथक नृत्य, डालिया दस्ता नृत्य, राठवा नृत्य गुजरात, वासावा होली नृत्य गुजरात, बधाई नौरता नृत्य सागर, थात्या नृत्य बैतूल, राम ढोल नृत्य छिंदवाड़ा, लावणी नृत्य मुंबई, डॉ. गीता शर्मा इंदौर के दल द्वारा शिव तांडव नृत्य, सृजन नारी समूह इंदौर, गमित नृत्य गुजरात के दल ने प्रस्तुतियां दीं। मनमोहक लोक संस्कृति को दर्शातीं प्रस्तुतियों की अतिथिगण व दर्शकों ने उन्मुक्त कंठ से सराहना की।
मंच को काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृति के रूप में दर्शाया : मंच को काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृति के रूप में दर्शाया गया, मंच पर भगवान काशी विश्व नाथ मंदिर, भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग, भगवान नंदी की प्रतिकृति तैयार की गई जो भव्य मंच को आकर्षक और मनमोहक दर्शा रही थी। भव्य मंच पर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों को पारम्परिक वेशभूषा, सुमधुर वाद्य यंत्रों और संगीत पर प्रस्तुत की।
देश के विभिन्न भागों, लोक संस्कृति के दर्शन मालवा उत्सव के माध्यम से नजर आए। मालवा उत्सव में बड़ी संख्या में आमजन व कलाप्रेमी भी उपस्थित हुए।
Edited by: Ravindra Gupta