सरकारी दफ्तरों के बारे में लोगों की यह शिकायत आम रहती है कि वहां कर्मचारी उनका सहयोग नहीं करते। हालांकि यह भी सही है कि सभी कर्मचारी ऐसे नहीं होते। लेकिन, इंदौर के भविष्य निधि कार्यालय में पदस्थ फिरोज दाजी का अंदाज तो सबसे ही अलग है। दाजी न सिर्फ उनसे मिलने वालों का पूरा सहयोग करते हैं, बल्कि कई बार तो अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर भी उनकी मदद करने में पीछे नहीं हटते। यही कारण है कि मजदूर नेता भी उनके मुरीद हैं।
दाजी इंदौर स्थित क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय में वरिष्ठ सामाजिक सुरक्षा सहायक के रूप में 3 फरवरी 1992 से कार्यरत हैं। वर्तमान में वे पेंशन विभाग में पदस्थ हैं। इस जिम्मेदारी को जिस तरह निभा रहे हैं, उसके उन्हें सदैव सराहना ही मिलती है। वे अपना उत्तरदायित्व पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं।
पेंशन से संबंधित सभी शिकायतें, जिसमें जीवित होने का प्रमाणपत्र, पेंशन समय पर न मिलना, देय राशि कम मिलना या पिछले एरियर न मिलना, बच्चों को पेंशन न मिलना, उनके नाम न जुड़ना, पति के पश्चात विधवा पेंशन न मिलना आदि कोई भी समस्या हो दाजी पूरी ईमानदारी के साथ समाधान करते हैं।
कोरोना काल खासकर लॉकडाउन में भी वे ज्यादा से ज्यादा समय कार्यालय में उपस्थित रहकर पेंशनरों की मदद करते रहे। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों ने पीएफ से राशि की निकासी की है एवं पेंशन आदि कार्य के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पीएफ ऑफिस पहुंचे हैं।
इस संबंध में हुकुमचंद मिल मजदूर यूनियन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र श्रीवंश ने बताया कि फिरोज दाजी की जितनी तारीफ की जाए कम है। वे मांगने पर तो मदद करते ही हैं बल्कि आगे बढ़कर भी श्रमिकों का सहयोग करते हैं। श्रीवंश ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा एक विधवा पेंशनर का खाता नहीं खुल रहा था, दाजी ने पेंशनर का खाता खुलवाने में भी मदद की।
खेल कोटे से नियुक्ति : इनकी नियुक्ति खेल कोटे के तहत हुई थी। कार्यलय के आउटडोर गेम्स में इन्होंने बतौर कप्तान कई झोनल मैचेस में कार्यालय को विजयश्री प्रदान करने में महती भूमिका निभाई। दाजी बतौर खिलाड़ी तो निष्णात हैं ही, किन्तु अपने सहयोगी स्वभाव के कारण उन्हें कार्यालय ने जनसंपर्क अनुभाग में नियुक्त किया गया है। उन्होंने इस अनुभाग में अपने कार्य से आगतुंक लोगों की, मजदूरों की खूब सेवा की तथा हर व्यक्ति को संतुष्ट करके भेजा। किसी भी मजदूर या उनके परिजनों को कभी दाजी ने निराश नहीं किया।
सामाजिक जिम्मेदारी भी : दाजी कार्यालय के अलावा भी अन्य सेवा कार्यों में सक्रिय हैं। उन्होंने कार्यालय के स्वैछिक रक्तदाताओं का एक समूह भी बनाया है तथा यह समूह बिना किसी अपेक्षा के हर समय रक्तदान के लिए तत्पर रहता है। वे स्वयं भी नियमित रूप से रक्तदान करते हैं। दाजी 100 से ज्यादा बार रक्तदात कर चुके हैं। दाजी बताते हैं सेवा और समर्पण का यह जज्बा उन्हें अपने चाचा और इंदौर के पूर्व सांसद और जुझारू मजदूर नेता स्व. होमी दाजी से विरासत में मिला है।