भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का 91 वर्ष की उम्र में रविवार सुबह निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
कैलाश जोशी के निधन से मध्यप्रदेश भाजपा में शोक की लहर छा गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता यह खबर मिलने के बाद अस्पताल पहुंच गए।
खबरों के अनुसार कैलाश जोशी की पार्थिव देह को भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। सोमवार को देवास जिले के हाटपिपल्या में कैलाश जोशी का अंतिम संस्कार होगा।
पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कैलाश जोशी का जन्म 14 जुलाई, 1929 को हुआ था। वे 1951 में भारतीय जनसंघ के सदस्य बने। 1955 में हाटपीपल्या नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए। 1962 से निरंतर बागली क्षेत्र से विधायक बने।
आपातकाल के दौरान एक महीने अंडरग्राउंड रहने के बाद 28 जुलाई 1975 को विधानसभा के गेट पर गिरफ्तार हुए। कैलाश जोशी 19 माह तक मीसा में नजरबंद रहे। 24 जून 1977 को कैलाश जोशी मध्यप्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। हालांकि 1978 में अस्वस्थ होने के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
मूल्य और सिद्धांतों से कभी नहीं किया समझौता : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैलाश जोशी के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वे दु:ख के क्षणों में जोशी के परिजनों के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि जोशी सादा जीवन एवं उच्च विचार के राजनेता थे। जीवनपर्यंत वे मूल्य और सिद्धांतों के प्रति समर्पित रहे। कभी समझौता नहीं किया। उनका निधन प्रदेश के लिए बड़ी क्षति है।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिवार को यह दु:ख सहन करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
एक युग का अंत : मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी के निधन पर कहा है कि उनके निधन के साथ ही एक युग का अंत हो गया है।
चौहान ने आज अपने ट्वीट में जोशी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश की राजनीति को नई दिशा देने वाले, निर्धन और कमजोर की आवाज़, विनम्र एवं मृदुभाषी राजनेता, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के अवसान के साथ ही एक युग का अंत हो गया। उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम, विनम्र श्रद्धांजलि।
उन्होंने कहा कि अपनी वाणी से लोगों का दिल जीत लेने वाले प्रखर वक्ता स्व. कैलाश जोशी के प्रशासकीय गुणों के सभी प्रशंसक थे। हम सब उनके सपनों के वैभवशाली और समर्थ मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आज मध्यप्रदेश ने अपने एक अनमोल रत्न को खो दिया है। गरीबों, वंचितों के उत्थान और कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन होम कर देने वाले जोशीजी हमेशा प्रदेश की जनता के दिलों में रहेंगे।