भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर किसानों की सियासत तेज हो गई है। किसानों की मांग और समस्याओं को लेकर आज से किसान संगठन 3 दिन की हड़ताल पर हैं। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हो रहे किसानों के इस आंदोलन के तहत किसानों को शहरों में दूध, फल-सब्जी लाने से मना किया गया है। इसके लिए किसान संगठनों ने शहरों की नाकेबंदी की है।
किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव के मुताबिक, किसान अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। अनिल यादव के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने जब किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की तो किसानों को बैंकों ने डिफॉल्ट घोषित कर दिया, जिसके बाद अब किसानों को बैंकों से लोन नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते किसान खाद और बीज नहीं खरीद पा रहा है।
इसलिए वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि वो समितियों को निर्देश दें कि किसानों को खाद उपलब्ध हो। वहीं किसान संगठन समर्थन मूल्य को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। किसानों को आज भी उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसान कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं।
किसान यूनियन का दावा है कि उनके साथ बड़ी संख्या में किसान हैं और वो खुद ही शहर में फल-सब्जी और दूध लेकर नहीं आ रहे हैं। इस बीच खबर है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ भारतीय किसान यूनियन की हडताल पर जाने के बाद आज शाम किसान संगठन के नेताओं से मिलेंगे।