भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार सागर की राजनीति ने भाजपा के अंदर नई और पुरानी भाजपा के टकराव को सामने ला दिया है। सागर के खुरई से भाजपा के दिग्गज विधायक और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने जिले के पुलिस कर्मियों पर कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकालकर लोगों पर दबाव बनाने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।
बुधवार को जब जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल जिला योजना समिति की बैठक ले रहे थे जब पूर्व गृहमंत्री ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस अधिकारी एसपी और आईजी की अनुमति के बिना कुछ व्यक्तियों के फोन नंबरों और मोबाइल की CDR निकाल रहे हैं और उन पर दबाव बना रहे है। भाजपा विधायक ने कहा कि इन कॉल डिटेल्स का दुरुपयोग किया जा रहा है।
बैठक में पूर्व गृहमंत्री के आरोपों पर जब एसपी विकास शाहवाल ने सफाई देनी चाहिए तो भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मुझे सफाई नहीं चाहिए, मैं गृहमंत्री रह चुका हूं, मुझे सब जानकारी है। दरअसल एसपी ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकालना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। अपराधों की जांच के लिए CDR निकाला जाता है और यदि किसी ने इस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी की है, तो उसकी जांच करवाई जाएगी। वहीं भाजपा के दिग्गज नेता के इस आरोप पर जिले के प्रभारी और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए मामले की जांच कराने की बात कही है।
पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के निशाने पर कौन?- भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के अपनी ही सरकार में कॉल डिटेल निकलवाने और रिकॉर्ड करने के आरोपों के पीछे आखिर क्या वजह है औऱ उनके निशाने पर कौन है, इसको लेकर सियासत गर्मा गई है। दरअसल सागर में पिछले लंबे अरसे से भाजपा के बड़े नेताओं की बीच आपसी अदावत देखने को मिल रही है। खुरई से विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और सुरखी से भाजपा विधायक और वर्तमान में मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बीच सियासी वर्चस्व की लड़ाई पिछले कई सालों से देखी जा रही है। वर्चस्व की लड़ाई की मुख्य वजह दोनों ही नेताओं का अपना सियासी रसूख है, जिसके चलते तीनों के हित आपस में ठकराते रहते है।
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत के बीच सियासी तल्खी किसी से छिपी नहीं थी। कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश राजपूत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली जिसमें भूपेंद्र सिंह पर तंज कसते हुए लिखा गया था कि 'अच्छा है हम खुरई में नहीं है, वरना बात करने पर ही जेल चले जाते, क्यों भाई साधु जी।' दरअसल उस वक्त भूपेंद्र सिंह शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और सागर में उनका खासा दबदबा था।
बुंदलेखड के मुख्यालय के रूप में पहचान रखने वाले सागर में भाजपा के बड़े नेताओं की बीच जारी सियासी जंग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और इसमें हर नए दिन के साथ नए किरदार की एंट्री भी होती जा रही है। आखिर बड़े नेताओं के बीच क्यों टकराव बढ़ता जा रहा है, यह अब बड़ा सवाल बन गया है।