भोपाल। गुना के आरोन में 3 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में पुलिस ने दूसरे आरोपी शहजाद को मार गिराया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया आरोन घटना के दूसरे अपराधी का बरखेडा के पास एनकाउंटर हुआ है। वहीं घटना के फरार मुख्य आरोपी की जानकारी भी पुलिस को मिल गई है जिसकी तलाश जारी है। इससे पहले मुठभेड़ में पुलिस ने घटना में शामिल नौशाद को भी मार गिराया था। वहीं गृहमंत्री ने कहा कि आरोन के अपराधियों का पॉलिटिकल संरक्षण जांच का बिंदु है जिसकी जांच जारी है।
क्या है पूरा मामला- मध्यप्रदेश के गुना जिले में आरोन थाना इलाके में काले हिरण के शिकारियों ने एक एसआई सहित 3 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी है। आरोन थाना में तैनात एसआई राजकुमार जाटव, प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीणा रात्रि गश्त पर थे, तड़के 2.30 से 3 बजे के बीच पुलिस टीम की काले हिरण के शिकारियों से आमान-सामान हो गया। पुलिस को देखकर शिकारियों ने फायरिंग शुरु कर दी जिसमें एसआई राजकुमार जाटव, प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और संतराम की मौके पर मौत हो गई है। वहीं गाड़ी का ड्राइवर लखनगिरी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका गुना के अस्पताल में इलाज जारी है।
ग्वालियर आईजी को हटाया- घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में मुख्यमंत्री ने सीनियर पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर नाराजगी जताते हुए ग्वालियर आईजी अनिल शर्मा को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। ग्वालियर आईजी को घटना स्थल पर देरी से पहुंचने पर हटाया गया है। अनिल शर्मा की जगह अब डी श्रीनिवास वर्मा ग्वालियर रेंज के नए आईजी होंगे।
शहीद का दर्जा,1-1 करोड़ की सम्मान राशि- उच्चस्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना में शहादत देने वाले तीनों पुलिस के साथी भाई राजकुमार जाटव, धीरज भार्गव और सिपाही संतराम की शहादत व्यर्थ नहीं जाने दी जाएगी।
इन्होंने अपनी कर्तव्य की बल बेदी पर अपने आप को न्योछावर किया है, वो शिकारियों को रोकने खड़े थे। इसलिए मैं उनकी शहादत का सम्मान करता हूं। मुख्यमंत्री ने मारे गए पुलिस कर्मियों को शहीद का दर्जा देने के साथ परिवार को एक- एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का एलान किया। इसके साथ शहीद पुलिसकर्मियों का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।