मालवा और मेवाड़ के 6 शहरो में आयकर विभाग की कार्रवाई गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी है आयकर विभाग ने अपनी कार्रवाही को पूरी तरह तेल कारोबारियों पर फोकस किया है। क्योंकि मालवा के राजस्थान से लगे कुछ शहर करोड़ों के बेनामी और फर्जी तेल कारोबार का हब बन चुके हैं।
आयकर विभाग की इस कार्रवाही में करीब 250 से अधिक अफसर शामिल हैं और यह पूरी कार्रवाई फर्जी बिलिंग और बेनामी बैंक ट्रांजिक्शन से जुड़ी बताई जा रही है।
गौरतलब है की 13 फरवरी को सुबह 5 बजे विकास संग निशा के स्टिकर लगी दर्जनों गाड़िया नीमच के बड़े तेल कारोबारी धानुका इंडस्ट्रीज़, माहेश्वरी वेयर हाउस, निम्बाहेड़ा राजस्थान की माहेश्वरी रिफायनरी, मंदसौर की अमृत रिफायनरी और जावरा की अम्बिका सोलवेक्स पर पहुंची थी।
इन सभी के अलग अलग करीब 40 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग की यह कार्रवाई चल रही है। इस कार्रवाई में 250 से अधिक अफसर इंदौर के ज्वाइट डाइरेक्टर सत्यपाल मीणा के नेतृत्व शामिल हैं। जानकारों की मानें तो नीमच, मंदसौर, जावरा और पड़ोसी राज्य राजस्थान का निम्बाहेड़ा दो नंबरी तेल कारोबार का बड़ा हब बन चुका है।
इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता अमित शर्मा का कहना है की ये तेल कारोबारी सोयाबीन की अधिकांश खरीदारी मंडियों से बिना बिल के करते हैं और उसके बाद तेल का उत्पादन कर ये टेंकर राजस्थान में भेज देते हैं, जहा फर्जी बिल बनाता है। इसे रास्ते का बिल कहते हैं। यह बिल टेंकर जब गंतव्य पर पहुंच जाता है तो उसे फाड़ दिया जाता है।
जानकारों का यह भी कहना है कि ये तमाम तेल कारोबारी रियाल स्टेट के बड़े खिलाड़ी हैं और ऐसी जमीनों पर इनकी नज़र रहती है जिसका पंजीयन मूल्य बेहद कम हो और उसमे दो नंबर के रुपए भरपूर लग जाएं।
गोवा के पांच सितारा होटल में की थी शादी : नीमच के बड़े तेल कारोबारी कैलाश धानुका ने दो माह पूर्व अपनी बेटी की शादी गोवा के पांच सितारा होटल में की थी, जिसमें 100 कमरे बुक करवाए जाने की खबर है। ऐसा भी बताते है यहां मेहमानों की 3 दिन तक मेहमाननवाज़ी की गई थी। इस शादी के बाद कैलाश धानुका और सुर्खियों में आए मुनीम के नाम से करोड़ों के बेनामी ट्रांजिक्शन किया गया।
कैलाश धानुका का मुनीम मुकेश जैन भी इस जांच के घेरे में है क्योकि उसके बैंक खातों से करोड़ों रुपए के बेनामी लेन-देन की खबरें हैं, जिसके चलते आयकर विभाग ने राजस्थान स्थित गोदाला में मुकेश जैन के निवास पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिल मजदूर बनकर रहे आयकर अफसर : सूत्रों से पता चला है की इस बेनामी तेल कारोबार की जड़ में पहुंचने के लिए आयकर अफसर मिल मजदूर बनकर इन आयल रिफायनरियों में काम कर रहे थे ताकि समूची जानकारी इकट्ठी की जा सके।