मध्यप्रदेश के इंदौर में बावड़ी Indore Temple Stepwell Collapse में गिरने से अब तक 35 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। देश के सबसे स्वच्छ और स्मार्ट सिटी की तरफ बढ़ते इंदौर में मातम पसरा है। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है, सेना ने मोर्चा संभाल रखा है।
इस बेहद दर्दनाक हादसे के बीच मदद करने की एक भावुक कर देने वाली मिसाल सामने आ रही है। जैसे ही इंदौर के पटेल नगर में स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में यह हादसा हुआ कई लोग मदद के लिए उस तरफ दौड़ पड़े। कुछ लोग अपनों को बचाने के लिए कुए में कूद गए। इनमें इंदौर के काजी अब्दुल माजिद फारुकी भी थे जो लोगों को बचाने में रेस्क्यू टीम की मदद कर रहे थे। फारुकी ने हादसे का शिकार हुए लोगों को बचाने में पूरी मदद की।
मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू में लगे हाजी अब्दुल माजिद फारूकी लोगों को बचाने में इतने व्यस्त हो गए कि वो अपना रोजा खोलना ही भूल गए। बता दें कि इन दिनों रोजे का वक्त चल रहा है। बाद में जब हिंदू भाईयों को उनके रोजा के बारे में पता चला तो उन्होंने अब्दुल माजिद को इफ्तार कराकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम की।
कैसे हुआ था हादसा?
बता दें कि गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर पर स्थित बावड़ी की छत ढह गई थी। मंदिर परिसर में बनी बावड़ी की छत पर हवन के लिए कई लोग खडे थे। उन्हें नहीं पता था जहां वे खड़े हैं, वो बावड़ी की छत है। वजन और दबाव ज्यादा होने की वजह से छत ढह गई और लोग गहरी बावड़ी में जा गिरे। इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे। इस हादसे में करीब 35 लोगों की मौत हो गई। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन में कई लोगों को बाहर निकाला गया।
माजिद की मदद बनी मिसाल
मीडिया की जानकारी में सामने आया कि अब्दुल माजिद को घटना की जानकारी होते ही वे तुरंत घटनास्थल पहुंच गए। अब्दुल माजिद ने बताया कि 'वह सिविल डिफेंस वर्कर के रूप में काम करते हैं। उन्होंने इस हादसे की खबर उनकी टीम को भी दे दी, जिसके बाद कई लोग मौके पर पहुंच गए'। इसी बीच अब्दुल माजिद के मुताबिक मौके पर स्थानीय लोग तुरंत मदद नहीं करते तो यह और भी बड़ा हो सकता था।
Edited By Navin Rangiyal