इंदौर। पखवाड़े भर के भीतर अपने खुले बाड़े से दो बार 'फरार' होकर स्थानीय कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रशासन की सांसें ऊपर-नीचे करने वाली बाघिन को अगले एक महीने तक पिंजरे में बंद रखने का फैसला किया गया है।
चिड़ियाघर के प्रभारी उत्तम यादव ने मंगलवार को बताया, रॉयल बंगाल प्रजाति की बाघिन जमुना को उसके खुले बाड़े से हटा दिया गया है, क्योंकि अब हम चिड़ियाघर की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर उसे लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते। बाघिन को सफेद शेरों के दूसरे बाड़े में ले जाकर वहां के पिंजरे में एहतियातन बंद कर दिया गया है।
यादव ने कहा, पखवाड़े भर में चिड़ियाघर के खुले बाड़े की ऊंची चारदीवारी लांघकर बाघिन का दो बार भाग निकलना बताता है कि वह असामान्य बर्ताव कर रही है। इसी बाड़े में बाघिन के साथ बाघ लकी भी रहता है, लेकिन इस नर ने कभी बाड़े से भागने की कोशिश नहीं की। चिड़ियाघर प्रभारी ने बताया कि अगले एक महीने तक बाघिन को पिंजरे में बंद रखकर उसके बर्ताव पर नजर रखी जाएगी। इस दौरान उसे खुले बाड़े में नहीं छोड़ा जाएगा।
उन्होंने बताया कि 15 महीने की बाघिन के 'असामान्य बर्ताव' के बारे में वन्य जीव विशेषज्ञों से भी राय ली जा रही है, ताकि पता चल सके कि उसने चिड़ियाघर में दो बार खुला बाड़ा लांघने की हरकत क्यों की थी? बाघों के कुनबे की यह मादा पहली बार 27 नवंबर को खुले बाड़े से बाहर निकलकर लापता हो गई, जिससे चिड़ियाघर में मौजूद सैकड़ों दर्शकों में डर के मारे भगदड़ मच गई थी।
बाघिन दूसरी बार 12 दिसंबर को अपने खुले बाड़े से निकल भागी, जब इस बाड़े में सुधार कार्य चल रहा था। गनीमत से कल चिड़ियाघर में सोमवार का साप्ताहिक अवकाश होने से कोई दर्शक नहीं था। दोनों ही खौफनाक वाकयों में बाघिन ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और उसे चिड़ियाघर कर्मचारियों ने दोबारा बाड़े में पहुंचा दिया था। चूंकि वह चिड़ियाघर कर्मचारियों के निर्देश को समझती है, इसलिए उसे बाड़े में पहुंचाने के लिए बेहोश करने की जरूरत भी नहीं पड़ी थी।
बहरहाल, बाघिन के बाड़े से भाग निकलने के दो खौफनाक वाकयों से चिड़ियाघर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है। इंदौर नगर निगम के एक अतिरिक्त आयुक्त इस बिंदु पर भी जांच कर रहे हैं कि दोनों सिलसिलेवार घटनाओं के लिए कहीं चिड़ियाघर कर्मचारियों की लापरवाही तो जिम्मेदार नहीं है।