भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक और मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंर राजपूत की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख दई है। बुंदेलखंड के चर्चित मानसिंह पटेल के गुमशुदगी मामले में एसआईटी ने अब अपहरण को लेकर नई एफआईआर दर्ज की है जिसमें मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का भी नाम है। FIR विशेष रूप से अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पंजीबद्ध की गई है, जिसके कथन में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के नाम का उल्लेख किया गया है।
क्यों मुश्किल में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत?- सागर के ओबीसी नेता मान सिंह पटेल साल 2016 में लापता हो गए थे। जमीन विवाद मामले में उनके बेटे सीताराम ने गोविंद सिंह राजपूत और उनके सहयोगियों पर पिता को गायब कराने का आरोप लगाया था। सीताराम ने दावा किया था कि उनके पिता अगस्त 2016 में उस समय लापता हो गए, जब उन्होंने राजपूत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। यह शिकायत सागर जिले में उनकी पुश्तैनी जमीन पर राजपूत और उनके साथियों द्वारा अवैध कब्जा और निर्माण से संबंधित थी।
पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अब नए सिरे से एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का भी जिक्र है। 23 अगस्त को उपनिरीक्षक संदीप खरे ने थाना सिविल लाईन में एक आवेदन पेश कर सुप्रीम कोर्ट के WP(crl) 108/2023 और 350/2023 के तहत 6 अगस्त 2024 को दिए गए निर्देशों के आधार पर गुमशुदगी क्रमांक 09/16 को धारा 365 IPC के तहत आपराधिक प्रकरण के रूप में पंजीबद्ध किया गया है।
सिविल लाइन थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक लापता मान सिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने सिविल लाइन थाने में शिकायत की थी उनक पिता मानसिंह पटेल ने मंदिर से वापस आकर मुझे बताया कि, मेरा रास्ते में गोविंद सिंह राजपूत से हो गया। वहीं 22.08.2016 की सुबह मैं और मेरी पत्नि घर पर थे और मेरे पिता घर से लगे खेत में चारा लेने की बात कर घर से निकले फिर बहुत देर तक वापस नहीं आए, तब मैंने आसपास तलाश किया आसपास पूछताछ की कोई जानकारी नहीं मिली। जिस पर पुलिस में शिकायत करने पर पुलिस ने गुमइंसान क्रमांक 09/16 कायम कर जाँच में लिया। वहीं संबंध में सुप्रीम कोर्ट के WP(crl) 108/2023 और 350/2023 के तहत 6 अगस्त 2024 को दिए गए निर्देशों के आधार पर गुमशुदगी क्रमांक 09/16 को धारा 365 IPC के तहत आपराधिक प्रकरण के रूप में पंजीबद्ध किया गया है।
गौरतलब है कि सीताराम पटेल ने आरोप लगाया था कि उन्हें चुप कराने और संपत्ति पर कब्जा करने के लिए ही उनके पिता को गायब कराया गया था। स्थानीय प्रशासन और सीएम हेल्पलाइन को कई बार शिकायत करने के बावजूद मान सिंह का पता लगाने के लिए ठोस पुलिस कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सर्वोच्च न्यायलय के निर्देश के बाद 14 अगस्त को यह एसआईटी गठित की गई। भोपाल देहात के आईजी अभय सिंह को इस तीन सदस्यीय SIT का हेड और सीहोर एसपी मयंक अवस्थी और पीएचक्यू में पदस्थ अनुराग सुजानिया को सदस्य बनाया गया है।
कांग्रेस ने मांगा मंत्री का इस्तीफा?- वहीं एसआईटी की ओर से एफआईआर दर्ज होने के बाद कांग्रेस ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से गोविंद सिंह राजपूत से इस्तीफा लेने की बात कही है। नेता प्रतिपक्ष ने एक्स पर लिखा कि MP सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर एक किसान की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लंबे समय से लग रहा था। इस मामले में वह किसान 8 साल से गायब है और अब जाकर पुलिस ने FIR दर्ज की है। 22 अगस्त 2016 से गायब मानसिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने पिता के गायब होने की थाने में सूचना दी थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई! पुलिस ने भी इस मामले में लापरवाही बरती! अंततः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT गठित की गई। इस मामले में सरकारी दबाव और पुलिस की लेतलाली शुरू से ही साफ दिखाई दी। लेकिन, देश में न्याय अभी जिंदा है। क्या मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भाजपा के मंत्री गोविंदसिंह राजपूत से इस्तीफा लेंगे?।