इंदौर (मध्यप्रदेश)। संशोधित नागरिकता कानून सीएए (CAA) का समर्थन करते हुए मशहूर गायक कैलाश खेर ने शनिवार को कहा कि इसके प्रावधानों के जरिए उन शरणार्थियों को भारत द्वारा अपनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है, जो पड़ोसी मुल्कों में सताए जा रहे थे।
खेर ने यहां कहा कि सीएए (CAA) का मतलब आप और हम जानते हैं। इस कानून के जरिए (पड़ोसी देशों के) ऐसे प्रताड़ित लोगों को नागरिकता दी जा रही है, जो कभी (वर्ष 1947 में भारत के विभाजन से पहले) अपने ही थे। इसी अपनत्व के कारण उन्हें गैरों के यहां से वापस (भारत) लौटना पड़ा।
उन्होंने कहा कि अब इन लोगों को अपनाया जा रहा है, तो सबको खुशी होनी चाहिए। अगर इन लोगों को अपनाए जाने से किसी व्यक्ति को आपत्ति है, फिर तो यह कष्ट का विषय है।
गौरतलब है कि सीएए (CAA) में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन हेतु पात्र बनाने का प्रावधान किया गया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के नजदीक सीएए (CAA) विरोधी प्रदर्शनकारियों के समूह पर गोली चलाए जाने की हालिया घटना के बारे में पूछे जाने पर 46 वर्षीय गायक ने कहा कि वे इस विषय में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही कोई टिप्पणी कर सकेंगे।
हिन्दी फिल्मों के पुराने गीतों को नए अंदाज में पेश किए जाने का चलन बढ़ने पर खेर ने कहा कि वैसे तो गुजरे दौर के गानों को नए रूप में गाने की परंपरा पुरानी है। लेकिन गड़बड़ तब होती है, जब गाने के नए संस्करण को इस तरह गाया जाए कि इसमें मूल गीत का कोई वजूद ही न बचे।