इंदौर। बोलती मूर्तियों वाले प्राचीन मंदिरों के लिए दुनिया भर में मशहूर खजुराहो को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने देश की उन 10 चुनिंदा जगहों में शुमार किया है जिन्हें आदर्श पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जायेगा। लेकिन उड़ानों के टोटे के साथ कमजोर रेल सम्पर्क के कारण यूनेस्को के इस विश्व धरोहर स्थल में पर्यटन उद्योग के विकास की चाल सुस्त बनी हुई है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की ताजा रिपोर्ट हवाई यातायात के मामले में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले स्थित खजुराहो की बुरी स्थिति की तसदीक करती है। रिपोर्ट के मुताबिक खजुराहो के सिविल एयरोड्रम पर मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरुआती 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) के दौरान मुसाफिरों की कुल तादाद पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9.5 प्रतिशत घटकर 40,400 रह गई है।
राज्य के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव ने बताया कि खजुराहो में हवाई और रेल सम्पर्क बढ़ाए जाने की अहम जरूरत के मद्देनजर उनका महकमा केंद्र सरकार के संबंधित विभागों के साथ निजी एयरलाइनों से भी लगातार चर्चा करता रहा है।
उन्होंने कहा, 'हमें पता है कि खजुराहो में अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होने में अभी समय लगेगा। फिलहाल हमारी सरकार से गुजारिश है कि वह उड्डयन नियमों को शिथिल करते हुए देश के प्रमुख शहरों से खजुराहो के लिए छोटे हवाई जहाजों वाली एयर टैक्सी सेवा को मंजूरी दे, ताकि इस पर्यटन स्थल में खासकर विदेशी सैलानियों की आमद बढ़ सके।'
राव ने यह भी बताया कि राज्य के पर्यटन विभाग की ओर से खजुराहो की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग के लिए यूरोप और अमेरिका के प्रमुख शहरों में लगातार रोड शो आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि बेहतर हवाई सम्पर्क सुनिश्चित होने के बाद इस विश्व विरासत स्थल में खासकर फ्रांसीसी सैलानियों की तादाद में बड़ा इजाफा होगा।
राज्य सरकार के आंकड़े बताते हैं कि खजुराहो आने वाले सैलानियों की तादाद धीमी गति से बढ़ रही है। जनसम्पर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कैलेंडर वर्ष 2017 में 66,381 विदेशी सैलानियों समेत कुल 3,59,286 पर्यटक खजुराहो पहुंचे थे जो पिछले साल की तुलना में महज 2.5 फीसद अधिक हैं। कैलेंडर वर्ष 2016 में कुल 3,50,285 पर्यटकों ने इस विश्व विरासत स्थल का रख किया जिनमें 64,451 विदेशी सैलानी शामिल थे।
पर्यटन उद्योग के जानकारों के मुताबिक खजुराहो में सरकारी और निजी क्षेत्र की कुल 49 होटलें हैं जिनमें करीब 1,200 कमरे हैं। लेकिन सुस्त मांग के कारण इनमें से औसतन 50 फीसद कमरे ही भर पाते हैं।
खजुराहो में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (एमपीएसटीडीसी) के क्षेत्रीय प्रबंधक मोंसी जोसेफ ने बताया कि खजुराहो हवाई अड्डे से अभी केवल एयर इंडिया और जेट एयरवेज दिल्ली और चंद अन्य शहरों के लिए अपनी सीधी उड़ानों का संचालन कर रही हैं। इन उड़ानों के टिकटों की दर भी काफी ऊंची हैं।
उन्होंने बताया कि खजुराहो पहुंचने वाले घरेलू सैलानियों में सबसे ज्यादा तादाद अहमदाबाद और कोलकाता के लोगों की होती है। लेकिन फिलहाल दोनों शहरों से खजुराहो के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है. इन शहरों के साथ दक्षिण भारत से खजुराहो के रेल संपर्क में भी सुधार की जरूरत है।
जोसेफ ने यह भी बताया कि खजुराहो में पर्यटन का व्यस्त मौसम (सितम्बर-अप्रैल) खत्म होने के बाद कुछ उड़ानों का संचालन अस्थायी तौर पर बंद कर दिया जाता है, जिससे देशी-विदेशी पर्यटकों को खासी असुविधा होती है। (भाषा)