भोपाल। मध्यप्रदेश में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए शिवराज सरकार दशकों से चल रही परीक्षा प्रणाली बदलने का फैसला कर लिया है। इसके तहत अब दसवीं में परीक्षा में केवल 16 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र को 33 प्रतिशत मान लिया जाएगा और वो पास हो जाएगा।
दरअसल, मध्यप्रदेश में 9वीं कक्षा से सरकार सतत एवं व्यापक मूल्यांकन, सीसीई पैटर्न लागू करने जा रही है।
इस प्रणाली में बेस्ट फाइव पद्धति लागू की जाएगी। इसमें छह विषयों की परीक्षा होगी, पर रिजल्ट ज्यादा नंबर लाने वाले पांच विषयों के अंक जोड़कर तैयार किया जाएगा। दसवीं में दो विषयों में सप्लिमेंट्री भी देने का प्रावधान किया जा रहा है।
60 अंक का होगा प्रश्नपत्र : नवमीं, दसवीं की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट 100 अंकों के आधार पर ही बनेगा पर माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा का प्रश्नपत्र 60 अंकों का होगा। बाकि 40 अंक तिमाही, छमाही और सहशैक्षिक गतिविधियों के होंगे। इसमें 20 फीसदी अंक तिमाही और छमाही परीक्षा के होंगे और 20 सहशैक्षिक गतिविधियों के होंगे। छात्र को सब मिलाकर 33 फीसदी अंक ही लाने हैं। उसे शैक्षिण गतिविधियों में 20 में से 20 अंक मिल जाते हैं तो परीक्षा में महज 16 फीसदी अंक लाने पर ही वह पास हो जाएगा।