भोपाल में नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले 72 दिनों से आंदोलन कर रहे अतिथि विद्धानों का सब्र का बांध अब टूटने लगा है। बुधवार को धरने पर बैठी महिला विद्धान शाहीन खान ने मुंडन कराकर अपना विरोध जताया। मुंडन कर अपना विरोध जताने वाले शाहीन कहती है कि वो पंद्रह साल से अतिथि विद्धान के तौर पर पढ़ा रही थी लेकिन अब बेरोजगार हो गई है और उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं है। पिछले 72 दिनों से धरने पर बैठने के बाद जब सरकार ने उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया तब उन्होंने थक हराकर इस तरह का कदम उठाया।
धरने पर बैठे अतिथि विद्धानों की मांग है कि विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इनको नियमित करने का वादा किया था लेकिन अब वह अपने वायदे से मुकर रही है। विद्धानों का आरोप हैं कि सरकार उनको नियमित करने के बजाय लोकसेवा आयोग से चयनित किए गए सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति दे रही है जो कि उनके साथ धोखा है।
महिला अतिथि विद्धान के मुंडन कराए जाने के बाद अब इस पूरे मामले पर सियासत भी गर्मा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक पुराने ट्वीट को टैग करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री आज भी केश नारी के सम्मान का प्रतीक है। अतिथि विद्धान बहनों ने आपकी सोती हुई सरकार को नींद से जगाने के लिए अपने केश त्यागे, कया आज आपको उनकी पीड़ा का अंदाजा है, क्या आपकी नजर में आज प्रदेश शर्मसार हुआ ?