भाजपा के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन अब हमारे बीच नहीं रहे। लंबे समय से बीमार लालजी टंडन का आज सुबह 5.35 मिनट पर लखनऊ के मेंदाता अस्पताल में निधन हो गया। लालजी टंडन का निधन भाजपा और मध्यप्रदेश के लिए भी एक बड़ी क्षति है। लालजी टंडन एक ऐसे राजनेता थे जो एक अलग तरह की राजनीति के लिए पहचाने जाते थे।
लालजी टंडन तो चले गए लेकिन वह राजनीति में कुछ ऐसी यादें छोड़कर चले गए जो लोगों के जेहन में हमेशा ताजा रहेगी। आज के दौर की सियासत में जब राजनेता एक दूसरे पर कीचड़ उछालने का कोई मौका नहीं छोड़ते है तब लालजी टंडन ने अपने राजनितिक जीवन में शुचिता की कई ऐसी मिसाल पेश की जिसका आज के दौर की राजनीति में होना असंभव सा है। उत्तर प्रदेश की सियासत में 90 के दशक में बसपा की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले लालजी टंडन को उस समय उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राखी के त्यौहार पर घर जाकर चांदी की राखी बांधी थी।
हलांकि भाई-बहन का यह रिश्ता बहुत दिनों तक नहीं चला और जब 2003 में मायावती की सरकार गिर गई तो भाई-बहन का प्यार भी खत्म हो गया और मायावती लालजी टंडन को राखी बांधने नहीं पहुंची, हलांकि लालजी टंडन राखी के दिन अपने घर पर बसपा सुप्रीमो का इंतजार करते रहे।
लालजी टंडन के निधन पर ट्वीट करते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि महामहिम राज्यपाल श्री लालजी टंडन के दुखद निधन के समाचार सुन कर बेहद दुख हुआ। भाजपा/संघ की सेवा भावी चरित्र की पीढ़ी अब समाप्त होती जा रही है। ईश्वर उनकी आत्माको शांति प्रदान करें। टंडन जी के परिवार जनों को मेरी संवेदनाएं।